नई दिल्ली (वी.एन.झा)। रक्षा मंत्रालय ने सशस्त्र बलो की अभियानगत क्षमताओं को बढ़ाने के लिए करीब 7,800 करोड़ रुपये के प्रस्तावों को मंजूरी दी है। अधिकारियों ने यह जानकारी दी। रक्षा खरीद से संबंधित प्रस्तावों को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता में गुरुवार (24 अगस्त) को हुई रक्षा अधिग्रहण परिषद की बैठक में आवश्यकता की स्वीकृति प्रदान की गई।भारतीय वायुसेना की कार्य कुशलता को बढ़ाने के लिए डीएसी ने एमआई-17 वी5 हेलीकॉप्टरों पर इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट इंस्टॉल करने और उनकी खरीद को लेकर मंजूरी दी।
(भारतीय-आईडीडीएम) खरीद श्रेणी के अंतर्गत यह मंजूरी दी गई। इससे हेलीकॉप्टरों की सर्वाइवेबिलिटी बढ़ेंगी। ईडब्ल्यू सूट भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड से खरीदा जाएगा।डीएसी ने मशीनीकृत पैदल सेना और बख्तरबंद रेजिमेंटों के लिए ग्राउंड-आधारित ऑटोनॉमस सिस्टम की खरीद के लिए भी एओएन प्रदान किया है, जो मानवरहित निगरानी, गोला-बारूद, ईंधन और पुर्जों की लॉजिस्टिक डिलीवरी और युद्ध के मैदान में हताहतों की निकासी जैसे विभिन्न अभियानों को सक्षम बनाएगा। 7.62&51 एमएम लाइट मशीन गन (एलएमजी) और ब्रिज लेइंग टैंक (बीएलटी) की खरीद के प्रस्ताव को भी डीएसी की ओर से आगे बढ़ा दिया गया है। एलएमजी के शामिल होने से पैदल बलों की लड़ने की क्षमता में इजाफा होगा, वहीं बीएलटी के शामिल होने से मशीनीकृत बलों की आवाजाही में तेजी आएगी।प्रोजेक्ट शक्ति के तहत भारतीय सेना के लिए टिकाऊ लैपटॉप और टैबलेट की खरीद के लिए भी एओएन प्रदान किया गया है। ये सभी खरीद केवल स्वदेशी विक्रेताओं से की जाएंगी। भारतीय नौसेना के रू॥-60क्र हेलीकॉप्टरों की परिचालन क्षमता बढ़ाने के लिए भी डीएसी ने खरीद के लिए एओएन प्रदान किया है।