- सिविल अस्पताल में मात्र पांच घंटे में दो सफल अंगदान से 8 लोगों को मिला नया जीवन
- अहमदाबाद सिविल अस्पताल के 2 दिल, 4 किडनी और 2 लीवर के अंगदान से आठ परिवारों की जिंदगी रोशन
- सभी आठ अंगों को यूएन मेहता हार्ट इंस्टीट्यूट और किडनी इंस्टीट्यूट ऑफ सिविल मेडिसिन में भर्ती मरीजों में प्रत्यारोपित किया जाएगा
- अंगदान के क्षेत्र में सिविल अस्पताल की ऐतिहासिक उपलब्धि चिकित्सकों के अथक प्रयासों का परिणाम:डॉ. राकेश जोशी, सिविल अधीक्षक
अहमदाबाद। अहमदाबाद सिविल अस्पताल के प्रतिष्ठित अंगदान विशेषज्ञ आज जरूरतमंदों और पीड़ितों को नया जीवन देने में विशेषज्ञ बन गए हैं। 23 अगस्त को चंद्रयान-3 की सफलता पूरे देश के लिए गर्व की बात थी, जिसने इस तारीख को इतिहास के पन्नों में अमर कर दिया। इसी तरह, 24 अगस्त की सुबह अहमदाबाद सिविल अस्पताल ने अंगदान के क्षेत्र में एक अकल्पनीय और असाधारण उपलब्धि दर्ज की। अहमदाबाद सिविल अस्पताल में पहली बार पांच घंटे की छोटी अवधि में 2 सफल अंगदान हुए। इन दोनों अंगदान से 8 जरूरतमंदों को नई जिंदगी मिली है। सिविल अस्पताल में 127वें अंगदान के दौरान 47 वर्षीय महिला मरीज चक्कर खाकर गिर पड़ी। इसलिए उसे उचित इलाज के लिए सिविल अस्पताल लाया गया। जिनसे एक हृदय, दो किडनी और एक लीवर दान प्रापत किया गया । इस ऐतिहासिक क्षण में 32 वर्षीय ब्रेन डेड सुखदेव प्रजापति का अंगदान भी शामिल हो गया है। सड़क हादसे में घायल हुए लोगों को इलाज के लिए सिविल अस्पताल लाया गया। जिनसे एक हृदय, दो किडनी और एक लीवर का दान मिला है। नागरिक चिकित्सा के ये आठ अंग संयुक्त राष्ट्र हैं। यह अंग यूएन मेहता इंस्टीट्यूट और किडनी इंस्टीट्यूट में भर्ती मरीजों में ट्रांसप्लांट किये जाएंगे। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व एवं स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेष पटेल के नेतृत्व में राज्य सरकार के अस्पताल में ही रिट्राइवल एवं ट्रांसप्लांट की व्यवस्था को सुदृढ़ किया गया है। जिसके चलते आज अंगदान में मिले आठ अंगों को सरकारी अस्पताल में गरीब और जरूरतमंद परिवारों को प्रत्यारोपित किया जाना है। सिविल अस्पताल अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी, यूएन मेहता निदेशक डॉ. डॉ.चिराग दोशी, निदेशक, किडनी इंस्टीट्यूट विनीत मिश्रा, एसओटीटीओ के निदेशक डॉ. प्रांजल मोदी ने अंगदान और प्रत्यारोपण के इस मामले को ऐतिहासिक और अविस्मरणीय बताया। सिविल अस्पताल अधीक्षक डॉ. जोशी ने इस शानदार सफलता के लिए सिविल अस्पताल में अंगदान में शामिल पूरी टीम की तपस्या और समर्पण की सराहना की।डॉ. जोशी ने सफल अंगदान के लिए अस्पताल के डॉक्टरों के अथक प्रयासों के साथ-साथ इन पांच घंटों और परामर्श से पुनर्प्राप्ति तक की पूरी प्रक्रिया की भी सराहना की। यूएन मेहता अस्पताल के निदेशक डॉ. चिराग दोशी ने कहा कि हृदय प्रत्यारोपण की मंजूरी मिलने के बाद आज 16वां प्रत्यारोपण पूरा हो गया है. जिसमें 10 घंटे की कड़ी मेहनत के बाद आज दो हृदय प्रत्यारोपण सफलतापूर्वक संपन्न हो गए। यह हमारी पूरी हृदय प्रत्यारोपण टीम के लिए गर्व का क्षण है।