- श्रावण मास में जारी है ‘गागर में सागर’ पर प्रवचन
द्वारका
यहां श्रावण मास में चल रहे ‘गागर में सागर’ प्रवचन में रविवार को शारदापीठाधिश्वर शंकराचार्य सदानंद सरस्वती ने कहा कि एक अजनबी लड़की शादी के बाद तुरंत ही अपने पति की पूरी संपत्ति में बिना कुछ किए अपने आप ही मालकिन बन जाती है और ऐश्वर्य, कीर्ति, सुख-सुविधा प्राप्त हो जाती है इसी प्रकार संसार के अन्य संबंध के अलावा एक मात्र परमात्मा से संबंध जोड़ देने से सकल ब्रह्मïांड का पूरा साम्राज्य मिल सकता है। उन्होंने कहा कि अगर अन्य रिश्तेदार को संपत्ति में अपना हिस्सा लेना हो तो कोर्ट-कचहरी के चक्कर में बरसों बीत जाते हैं और पैसे का भी खर्च होता है लेकिन कन्या जब अपना रिश्ता पति से जोड़ लेती है उसे सब कुछ स्वयंमेव प्राप्त हो जाता है। सारी जिंदगी दौड़ भाग करके और अनेक प्रपंच और विटंबनाओं के बीच संसार की चें-चें का सामना करना पड़ता है फिर भी इस भवसागर में पार होना अत्यंत कठिन है।
उन्होंने कहा कि श्रीकृष्ण के नाम का संकीर्तन या अपने इष्ट देवता का मनन कीर्तन करने से अपना अंत:करण धीरे-धीरे शुद्ध होने लगता है और हमें परम कृपालु परमात्मा की शरण प्राप्त हो जाती है। इसलिए कहा गया है कि राम-राम जपते रहो, काम करते रहो। हमें जीवन में काम तो करना ही पड़ेगा लेकिन नि:स्वार्थ भाव से काम करने से हम संसार के मोहमाया के बंधन में फंसने से बच जाते हैं।