सिडनी । ऑस्ट्रेलियाई लोग 14 अक्टूबर को इस बात को लेकर मतदान करेंगे कि क्या वे आदिवासी और टोरेस स्ट्रेट द्वीप के लोगों को मान्यता देने के लिए संविधान में बदलाव करना चाहते हैं। यह देश में स्वदेशी अधिकारों के संघर्ष के लिए एक निर्णायक दिन होगा। प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज ने बुधवार को एडिलेड में एक खचाखच भरे संवाददाता सम्मेलन में ऐतिहासिक जनमत संग्रह की तारीख की घोषणा की और इसे राष्ट्र को एकजुट करने का पीढ़ी में एक बार मिलने वाला मौका बताया। अल्बानीज ने उत्साहित भीड़ से कहा, 14 अक्टूबर हमारा समय है…यह हमारा मौका है। उन्होंने कहा, यह हमारे सर्वश्रेष्ठ ऑस्ट्रेलियाई विशेषता को सामने लाने का क्षण है। आदिवासी और टोरेस स्ट्रेट आइलैंडर लोगों के लिए यह एक मैराथन रहा है। हम सभी के लिए यह अब लक्ष्य तक पहुंचने वाल दिन है।ऑस्ट्रेलियाई लोगों को अब जनमत संग्रह में मतदान से पहले छह सप्ताह के प्रचार अभियान का सामना करना पड़ेगा, जहां उनसे पूछा जाएगा कि क्या वे “वॉयस टू पार्लियामेंट” को शामिल करने के लिए संविधान में बदलाव का समर्थन करते हैं। आदिवासी और टोरेस स्ट्रेट द्वीप के लोगों को प्रभावित करने वाले मामलों पर संघीय संसद को सलाह देने के लिए एक स्वदेशी समिति का गठन किया गया है। ऑस्ट्रेलिया में किसी भी संवैधानिक परिवर्तन के लिए राष्ट्रीय जनमत संग्रह की आवश्यकता होती है। कनाडा, न्यूजीलैंड, यूरोपीय संघ के देशों और अमेरिका सहित कई अन्य विकसित देशों की तुलना में ऑस्ट्रेलिया अपने मूल निवासियों के साथ संबंधों के मामले में वैश्विक स्तर पर पिछड़ा हुआ है। इसकी अपने मूल निवासियों के साथ कोई संधि नहीं है, जो इसकी लगभग 2.6 करोड़ की आबादी का 3.2 फीसदी हिस्सा हैं और अधिकांश सामाजिक-आर्थिक उपायों पर राष्ट्रीय औसत से नीचे हैं।