अहमदाबाद सिविल मेडिसिटी में राज्य के 143 अंगदाता परिवारों का हुआ सम्मान
अहमदाबाद। अहमदाबाद सिविल मेडिसिन में स्टेट ऑर्गन एंड टिश्यू ट्रांसप्लांट ऑर्गनाइजेशन और गुजरात यूनिवर्सिटी ऑफ ट्रांसप्लांट साइंसेज की ओर से आयोजित कार्यक्रम में राज्य के 143 अंग दाता परिवारों को ऋण स्वीकार कर सम्मानित किया गया। पिछले एक वर्ष में राज्य के विभिन्न अस्पतालों में 143 ब्रेन-डेड अंग दाता परिवारों ने अपने रिश्तेदारों के अंग दान करने का निर्णय लेकर कई लोगों को नया जीवन दिया है। परिवार के सभी सदस्यों का ऋण स्वीकार कर उन्हें सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में उपस्थित गणमान्य व्यक्तियों द्वारा विभिन्न अंगों के प्रत्यारोपित मरीजों को सम्मानित किया गया। स्वास्थ्य विभाग की आयुक्त श्री शाहमीना हुसैन ने इस अवसर पर कहा कि सरकारी अस्पतालों में अंगदान और प्रत्यारोपण का गुजरात मॉडल अन्य राज्यों के लिए प्रेरणा है। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में और स्वास्थ्य मंत्री ऋषिकेश पटेल के मार्गदर्शन में, गुजरात में प्रधान मंत्री जन आरोग्य-मां योजना और स्कूल स्वास्थ्य कार्यक्रम के तहत प्रत्यारोपण पूरी तरह से मुफ्त उपलब्ध हो गया है। आज प्रदेश का गरीब या मध्यम वर्ग का मरीज भी प्रदेश के सरकारी अस्पताल में आयुष्मान योजना के तहत नि:शुल्क प्रत्यारोपण करा सकता है। उन्होंने हाल ही में अंग दान के क्षेत्र में इनोवेशन स्टेट श्रेणी में गुजरात को प्राप्त प्रधानमंत्री उत्कृष्टता पुरस्कार को सभी अंग दाता परिवारों के साथ-साथ अंग दाता ऋण स्वीकृति कार्यक्रम में अंग पुनर्प्राप्ति और प्रत्यारोपण में शामिल सभी लोगों को समर्पित किया। डॉ. प्रांजल मोदी ने इस मौके पर किडनी इंस्टीट्यूट के संस्थापक डॉ. एच. एल. त्रिवेदी की कहानी लोगों के सामने रखी। एक दिन में एक प्रत्यारोपण से शुरू हुआ अंग प्रत्यारोपण आज एक दिन में 13 प्रत्यारोपण तक पहुंच गया है। 25 साल बाद 23 जुलाई 1997 को कैडेवर किडनी ट्रांसप्लांट से शुरू हुआ किडनी इंस्टीट्यूट का सफर आज लिवर, पैंक्रियाज, गर्भाशय ट्रांसप्लांट तक पहुंच गया है। किडनी इंस्टीट्यूट में अब तक 600 सफल लीवर ट्रांसप्लांट किये जा चुके हैं। अंगदान कार्यक्रम में किडनी इंस्टीट्यूट के संस्थापक डॉ. एच. एल. त्रिवेदी की पत्नी सुनीता त्रिवेदी, स्वास्थ्य विभाग के अतिरिक्त निदेशक डॉ. आर. दीक्षित, सिविल अस्पताल अधीक्षक डॉ. राकेश जोशी, यूएन मेहता निदेशक डॉ. चिराग दोशी, किडनी संस्थान निदेशक डॉ. विनीत मिश्रा, जीसीआरआई के निदेशक डॉ. शशांक पंड्या, स्पाइन इंस्टीट्यूट के निदेशक डॉ. पीयूष मित्तल, डॉ. अनिल पटेल,डॉ. भरत अमीन सहित बड़ी संख्या में अंगदाता परिवार उपस्थित थे।