वॉशिंगटन। चीन किसी देश की जासूसी के लिए किसी भी हद तक जा सकता है। अगर बात उसके दुश्मन देश की आ जाए, तो फिर वह बड़ी से बड़ी बाधाओं को पार कर जासूसी को अंजाम दे सकता है। ऐसा ही कुछ वह इन दिनों अमेरिका में कर रहा है। चीन ने हाल के वर्षों में अपने नागरिकों को पर्यटकों के रूप में अमेरिका भेजा है। फिर उनके जरिए अमेरिकी सेना के मिलिट्री बेस और अन्य संवेदनशील जगहों पर जासूसी करवाई गई है। वॉल स्ट्रीट जर्नल (WSJ) की रिपोर्ट के मुताबिक, चीन ने लंबे समय से चीनी पर्यटकों के जरिए अमेरिका में जासूसी की है। इस काम को कहीं न कहीं अभी भी अंजाम दिया जा रहा है। रिपोर्ट को सीनियर अमेरिकी अधिकारियों के हवाले से छापा गया है।
इसमें बताया गया है कि चीन ने पर्यटकों के रूप में भेजे गए जासूसों के जरिए एक या दो बार नहीं, बल्कि हाल के वर्षों में 100 से ज्यादा बार जासूसी को अंजाम दिया है। ये दिखाता है कि चीन अपने मंसूबों में कितना कामयाब रहा है।रिपोर्ट में बताया गया है कि पिछले साल रक्षा मंत्रालय, एफबीआई और अन्य खुफिया एजेंसियों की बैठक हुई। इसमें जासूसी के इस तरह के मामलों पर रोक लगाने को लेकर चर्चा की गई। बैठक में बताया गया कि चीनी पर्यटकों ने कई बार बिना जांच के अमेरिकी मिलिट्री बेस में एंट्री की है। चीनी पर्यटक न्यू मैक्सिको में यूएस मिसाइल रेंज में घुस गए।
एक बात तो वे स्कूबा डाइविंग के बहाने फ्लोरिडा में मौजूद रॉकेट लॉन्च साइट तक में घुसपैठ कर आए। पर्यटक का भेष बनाकर जासूसी करने वाले चीनी जासूसों ने कई तरीके से अपने मिशन को अंजाम दिया है। मिलिट्री बेस के भीतर मौजूद मैकडॉनल्ड्स या बर्गर किंग के आउटलेट्स मौजूद होते हैं। चीनी नागरिक गूगल मैप का इस्तेमाल कर इन आउटलेट्स में पहुंच जाते थे। सभी को लगता था कि चीनी जासूस अपनी भूख मिटाने के लिए आए हैं, मगर वह बड़े आराम से अपने मिशन को अंजाम देकर चुपचाप निकल जाते थे। रिपोर्ट में बताया गया है कि एक बार चीनी नागरिकों ने अलास्का में मौजूद मिलिट्री बेस में भी घुसने की कोशिश की। जब सिक्योरिटी गार्ड ने उन्हें रोकने की कोशिश की, तो चीनी जासूसों ने कहा कि उनके पास बेस में मौजूद होटल का रिजर्वेशन है। इस तरह होटल में कमरे की बुकिंग का बहाना बनाकर बेस में घुस कर अपने मंसूबों को अंजाम दिया गया। ज्यादातर जासूसी की घटनाएं ग्रामीण इलाकों में अंजाम दी गईं, जहां आबादी कम है। वॉल स्ट्रीट की रिपोर्ट में बताया गया है कि जासूसी के मिशन को अंजाम देने के बाद चीनी जासूस अपने देश लौट रहे हैं। यहां चीनी सरकार को अमेरिका से जुड़ी हर छोटी और बड़ी जानकारी दी जा रही है। वहीं, जब इस रिपोर्ट पर अमेरिकी रक्षा मंत्रालय और गृह मंत्रालय से जवाब मांगा गया, तो उन्होंने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया। ये रिपोर्ट ऐसे समय पर आई है, जब अमेरिका और चीन के रिफ्ते काफी तनावपूर्ण चल रहे हैं।