कानपुर। कानपुर के बिकरू गांव की खौफनाक रात शायद ही कोई भूल पाए। गैंगस्टर विकास दुबे को अरेस्ट करने गई पुलिस टीम पर गोलियों की बौछार हुई। डिप्टी एसपी समेत 8 पुलिसकर्मियों की नृशंस हत्या कर दी गई। इस घटना के 3 साल बाद मंगलवार को कानपुर देहात की गैंगस्टर कोर्ट ने पहली बार सजा सुनाई।न्यायाधीश दुर्गेश पांडेय ने विकास दुबे के खजांची जय वाजपेयी समेत 23 आरोपियों को 10-10 साल की सजा और 50-50 हजार जुर्माना लगाया है। जबकि 7 आरोपियों को दोषमुक्त होने पर बरी कर दिया गया है। बताया जा रहा है कि पुलिस की लचर पैरवी से गुड्ड त्रिवेदी समेत 7 आरोपियों को कोई सजा नहीं मिली।कोर्ट के फैसले के बाद दोष मुक्त किए गए 7 आरोपियों के परिजनों ने कोर्ट के फैसले का स्वागत किया है। वहीं अन्य 23 आरोपियों के परिजनों ने हाईकोर्ट में आदेश के खिलाफ अपील करने की भी बात कही है।