नई दिल्ली। देश के विभिन्न राज्यों के उच्च न्यायालयों के 14 पूर्व न्यायाधीशों, 130 पूर्व नौकरशाहों और 118 रिटायर्ड आर्म्ड फोर्सेज ऑफिसर्स सहित देश के 262 प्रतिष्ठित नागरिकों ने सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को पत्र लिखकर तमिलनाडु सरकार के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के विवादास्पद बयान को लेकर उनके खिलाफ कार्रवाई करने की मांग की है।सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ को लिखे पत्र में देश के इन 262 प्रतिष्ठित नागरिकों ने शाहीन अब्दुल्ला बनाम भारत संघ मामले में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के संदर्भ में सीजेआई से उदयनिधि स्टालिन के नफरत भरे भाषण पर ध्यान देने और उनके खिलाफ स्वत: कार्रवाई करने का आग्रह किया है। पत्र में सनातन धर्म का महत्व बताने के साथ-साथ हेट स्पीच को लेकर सुप्रीम कोर्ट द्वारा दिए गए फैसलों का जिक्र करते हुए यह कहा गया है कि उदयनिधि स्टालिन ने न सिर्फ हेट स्पीच दिया है बल्कि उन्होंने अपने इस बयान के लिए माफी तक मांगने से इंकार कर दिया है।
पत्र में सुप्रीम कोर्ट से स्वतः संज्ञान लेकर कार्रवाई करने की मांग करते हुए यह भी कहा गया है कि चूंकि तमिलनाडु की राज्य सरकार ने एक्शन लेने से इंकार कर दिया है इसलिए सुप्रीम कोर्ट को आगे बढ़कर तमिलनाडु सरकार की निष्क्रियता और उदयनिधि स्टालिन के हेट स्पीच पर कार्रवाई करनी चाहिए। gujaratvaibhav.com
भाजपा ने हिटलर से की उदयनिधि स्टालिन की तुलना
भाजपा ने सनातन धर्म को लेकर उदयनिधि स्टालिन द्वारा दिए गए विवादास्पद बयान की आलोचना करते हुए तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन की तुलना हिटलर से की है।भाजपा ने यह भी आरोप लगाया है कि जिस प्रकार से हिटलर ने यहूदियों का नरसंहार किया, उसी प्रकार से उदयनिधि स्टालिन की यह सुविचारित टिप्पणी शुद्ध घृणास्पद भाषण है और भारत की 80 प्रतिशत आबादी, जो सनातन धर्म का पालन करती है, के नरसंहार का आह्वान है।भाजपा ने अपने आधिकारिक सोशल मीडिया अकाउंट्स पर हिटलर और उदयनिधि स्टालिन की तस्वीरों और बयानों को शेयर करते हुए लिखा है, “हिटलर ने यहूदियों का जिस प्रकार वर्णन किया और उदयनिधि स्टालिन ने सनातन धर्म का जो वर्णन किया, उसमें अद्भुत समानता है। हिटलर की तरह, स्टालिन जूनियर ने भी मांग की, कि सनातन धर्म को खत्म कर दिया जाए।