- चीन से शीत युद्ध शुरू नहीं करना, दुनिया में संतुलन लाना है
- वियतनाम-अमेरिका चीन की वजह से करीब आए
हनोई
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन भारत में हुई G20 समिट के बाद वियतनाम के लिए रवाना हो गए थे। बाइडेन ने वियतनाम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ हुई उनकी बातचीत के बारे में जानकारी दी। यहां उन्होंने कहा- मैनें PM से बातचीत के दौरान मानवाधिकारों का मुद्दा भी उठाया।उन्होंने कहा- जैसा की मैं हमेशा करता हूं, मैनें मानवाधिकार का सम्मान करने, देश को मजबूत बनाने में सिविल सोसाइटी और प्रेस की आजादी की भूमिका के महत्व के बारे में PM मोदी को बताया। वहीं, चीन को लेकर पूछे गए एक सवाल के जवाब में बाइडेन ने कहा कि चीन को काउंटर करना अमेरिका का मकसद नहीं है। वो न ही चीन से कोई कोल्ड वॉर यानी शीत युद्ध शुरू करना चाहते हैं। बाइडेन ने पत्रकारों से बातचीत के दौरान कहा- भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान के साथ मिलतर क्वाड बनाने का मकसद चीन को अलग-थलग करना नहीं है। वो बस इंडो-पैसेफिक इलाके में स्थिरता कायम करना चाहते हैं। बाइडेन ने कहा- मैनें राष्ट्रपति शी से काफी बातचीत की है। उन्होंने मुझसे पूछा था कि QUAD क्यों बनाया जा रहा है। इस पर मैनें उन्हें बताया कि स्थिरता के लिए। हम सिर्फ ये सुनिश्चित करना चाहते हैं कि सड़क, समुद्र और आसमान तक नियमों का पालन हो। मैं चाहता हूं कि चीन आर्थिक कामयाबी हासिल करे, पर ये कामयाबी नियमों के मुताबिक हो।बाइडेन ने कहा- हमारे पास ये अवसर है कि हम दुनिया में अपनेस अलायंस को मजबूत करें । भारत और वियतनाम को अपने साथ करने का मकसद ये नहीं हम चीन को रोकना चाहते हैं। सितंबर की शुरुआत में चीन ने जो मैप जारी किया था उस पर आपत्ति जताने वाले देशों में वियतनाम भी शामिल था। चीन से समुद्री सीमाओं के विवाद से चलते वियतनाम उस अमेरिका से नजदीकियां बढ़ा रहा है, जिसके साथ उसन 20 सालों तक जंग लड़ी। इसकी शुरुआत 1 नवंबर 1955 से हुई थी, जिसका अंत 1975 में हुआ। भारत आने से एक दिन पहले बाइडेन ने वियतनाम जंग के बाद हनोई से अमेरिकियों को बचाने वाले पायलट को मेडल ऑफ ऑनर से सम्मानित किया था।जंग नॉर्थ वियतनाम और साउथ वियतनाम के बीच लड़ी गई थी। नॉर्थ वियतनाम के साथ कम्युनिस्ट समर्थक और देश चीन और रूस थे।