मुंबई। महाराष्ट्र में शिवसेना के शिंदे गुट और उद्धव गुट की ओर से एक-दूसरे के विधायकों को अयोग्य घोषित करने की 34 याचिकाओं पर 25 सितंबर को सुनवाई हुई। विधानसभा के सेंट्रल हॉल में स्पीकर राहुल नार्वेकर ने दोनों गुटों की दलीलें सुनीं और फैसला सुरक्षित रख लिया।अध्यक्ष का कहना है कि सुनवाई के दौरान कोई जल्दबाजी नहीं होनी चाहिए। प्रिंसिपल ऑफ नेचर जस्टिस का पालन होना चाहिए।उद्धव ठाकरे गुट ने दलील दी कि सभी याचिकाओं को साथ क्लब करके सुनवाई की जाए। उन्होंने कहा कि सुनवाई के दौरान कोई सबूत पेश करने की जरूरत नहीं है। उधर, शिंदे गुट ने सभी याचिकाओं को क्लब करने की मांग का विरोध किया। शिंदे गुट का कहना है कि हर याचिका पर अलग से सुनवाई की जानी चाहिए, हमारे विधायक अपना पक्ष रखना चाहतें है।