नई दिल्ली। अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने बुधवार को कहा कि असफलता अंतरिक्ष क्षेत्र का बहुत स्वाभाविक हिस्सा है लेकिन इसरो में इसके लिए किसी व्यक्ति को दंडित नहीं किया जाता है। ऑल इंडिया मैनेजमेंट एसोसिएशन (एआईएमए) की 50वीं वषर्गांठ के मौके पर चंद्रमा पर अंतरिक्ष यान की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ में अहम भूमिका निभाने वाले सोमनाथ ने कहा कि उन्हें भी कई बार असफलताओं का सामना करना पड़ा, लेकिन इसके लिए उनके वरिष्ठों ने कभी उनकी आलोचना नहीं की। उन्होंने यहां एक इंटरैक्टिव सत्र में कहा, “हम सुनिश्चित करते हैं कि किसी एक व्यक्ति को असफलता के लिए दंडित नहीं किया जाए क्योंकि कोई भी निर्णय किसी एक व्यक्ति द्वारा नहीं लिया जाता है। ये सभी निर्णय सामूहिक बुद्धिमत्ता से लिए जाते हैं।”सोमनाथ ने कहा कि अंतरिक्ष क्षेत्र में यह स्पष्ट समझ है कि एक व्यक्ति हर उस चीज को नहीं समझ सकता जिससे सामूहिक निर्णय होता है। उन्होंने कहा, “इसलिए सामूहिक निर्णय का मतलब है कि आप असफलताओं की जिम्मेदारी भी लेते हैं। प्रबंधन जिम्मेदारी लेता है, यह किसी व्यक्ति पर नहीं डाला जाता है।”अंतरिक्ष एजेंसी के प्रमुख ने कहा, “इसलिए, लोग एक नया दृष्टिकोण या निर्णय लेने के लिए पर्याप्त साहसी हैं। अन्यथा, हर कोई कोई जोखिम लेने से दूर चला जाएगा।” उन्होंने कहा कि इसरो का प्रबंधन इस बात को लेकर बहुत स्पष्ट है कि जब काम किया जा रहा होता है तो विफलताएं प्रक्रिया का एक स्वाभाविक हिस्सा होती हैं और दृष्टिकोण हमेशा असफलता के कारणों की पहचान करने और आवश्यक सुधार करने का रहा है। उन्होंने कहा, “आपको उन लोगों को आत्मविश्वास देना होगा जिनके पास नई चीजों का प्रस्ताव देने और उनका समर्थन करने का साहस है। एक बार जब आप ऐसा कर लेते हैं, तो आप किसी भी संगठन में चमत्कार कर सकते हैं।”अंतरिक्ष कार्यक्रम के लिए प्रतिभा की पहचान करने के बारे में सोमनाथ ने कहा कि उन्होंने पाया कि शहर के निवासियों की तुलना में एक साधारण पृष्ठभूमि से आने वाले व्यक्तियों के जीवन में उत्कृष्टता प्राप्त करने के लिए प्रतिबद्धता का स्तर बहुत अधिक था।