नई दिल्ली। भारत में अफगान दूतावास ने कथित तौर पर अपना ऑपरेशन बंद करने के लिए विदेश मंत्रालय को एक चिट्ठी लिखी है। मंत्रालय इसकी प्रामाणिकता की जांच कर रहा है। अफगान दूतावास का नेतृत्व राजदूत फरीद मामुंडज़े कर रहे थे। लेकिन वो कई महीनों से देश से बाहर हैं। सूत्रों के मुताबिक, उनके इस समय लंदन में होने की खबर है। मामुंडजे को पिछली अशरफ गनी सरकार ने नियुक्त किया था। अगस्त 2021 में तालिबान द्वारा अफगानिस्तान की सत्ता पर कब्जा करने के बाद भी वह अफगान दूत के रूप में काम कर रहे हैं। अफगान दूतावास के कामकाज बंद करने की खबरों पर भारत सरकार के सूत्रों ने कहा कि नई दिल्ली में अफगान दूतावास ने कथित तौर पर इस मुद्दे पर एक कम्युनिकेशन जारी किया है। उच्च पदस्थ सूत्रों में एक ने कहा, “इस कम्युनिकेशन की प्रामाणिकता और इसके कंटेंट की जांच की जा रही है।” सूत्रों के हवाले से पता चला है कि अफगान दूतावास ने अगले कुछ दिनों में ऑपरेशन बंद करने के लिए विदेश मंत्रालय को एक चिट्ठी भेजी है। इस मामले पर दूतावास की ओर से तत्काल कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है। भारत ने अभी तक तालिबान सरकार को मान्यता नहीं दी है।
भारत काबुल में वास्तव में समावेशी सरकार के गठन की वकालत कर रहा है। भारत इस बात पर जोर दे रहा है कि अफगानी धरती का इस्तेमाल किसी भी देश के खिलाफ आतंकवादी गतिविधियों के लिए नहीं किया जाना चाहिए।