गांधीनगर। मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल के नेतृत्व में गुजरात ने रिन्यूएबल एनर्जी (आरई) क्षेत्र में उल्लेखनीय उपलिब्ध हासिल की है। राज्य ने काफी पहले सफलतापूर्वक सम्पन्न की है, चारणका में गुजरात सोलर पार्क (700 एमडब्ल्यू), भारत का प्रथम केनाल-टॉप सोलर पावर प्रोजेक्ट तथा मेहसाणा जिले के मोढेरा गांव के प्रत्येक घर को24 घंटे सौर ऊर्जा प्रदान करने के लिए भारत के प्रथम ग्रिड-कनेक्टेड मेगावॉट अवर-स्केल बैटरी का समावेश है। इसके अलावा गुजरात कच्छ में विश्व का सबसे बड़ा 30 गीगावाट का विंड-सोलर हाईब्रिड रिन्यूएबल एनर्जी पार्क भी विकसित कर रहा है। गुजरात ने स्वच्छ एवं हरित ऊर्जा देने की अपनी प्रतिबद्धता के साथ वर्ष 2030 तक में 80 गीगावाट रिन्यूएबल एनर्जी तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है। उसमें भी इस महत्त्वाकांक्षी लक्ष्य का 30 प्रतिशत यानि कि 22.5 गीगावॉट पहले से ही हासिल कर लिया गया है। जमीन स्तर से 150 मीटर की ऊंचाई पर 180 गीगावॉट की ऑनशोर विंड पावर संभावितता का उपयोग करने में तथा समुद्र किनारे सहित 30-35 गीगावॉट ऑफशोर पवन की संभावनाओं का उपयोग करने की रणनीति विकसित करने में गुजरात अग्रसर है। इतना ही नहीं, गुजरात इलेक्ट्रिक वाहनों के उपयोग में भी गति ले रहा है तथा वर्ष 2025 तक में दो लाख ईवीएस के लक्ष्य के सामने 60 हजार ईवीएस तो रजिस्टर भी हो चुके टिकाऊ औद्योगिक विकास के मॉडल के साथ गुजरात आज एक प्रिफर्ड बिजनेस फ्रेन्डली डेस्टिनेशन बना है। गुजरात का व्यूहात्मक भौगोलिक स्थान, लम्बा समुद्र किनारा तथा पवन एवं सौर ऊर्जा के लिए अनुकूल वातावरण राज्य को रिन्यूएबल एनर्जी प्रोजेक्ट्स के लिए अग्रणी स्थान है। वाइब्रेन्ट गुजरात ग्लोबल समिटि के प्लेटफॉर्म द्वारा राज्य सरकार ने रिन्यूएबल एनर्जी सेक्टर में सक्रिय रूप से निवेशकों को आकर्षित किया है तथा कोलोबरेशन किया है, जिसके कारण विंड फॉर्म्स, सोलर पार्क्स एवं अन्य स्वच्छ ऊर्जा के प्रोजेक्ट्स को गति मिली है। इसके अलावा गुजरात कचरा का पृथक्करण, ब्रिकेट का उत्पादन तथा प्रोसेसिंग में निवेशकों को प्रोत्साहन देता है एवं उस प्रकार टिकाऊ ऊर्जा-विकास के लिए व्यापक इकोसिस्टम को प्रोत्साहित करता है।