15 सदस्यीय टीम में नौ खिलाड़ियों को एक या इससे ज्यादा विश्व कप खेलने का अनुभव, टीम इंडिया के छह क्रिकेटर ऐसे हैं, जिनका यह पहला वनडे विश्व कप होगा
नई दिल्ली। विश्व कप में खेलने जा रही यह भारतीय टीम कुछ खास है। टीम के 15 में से नौ क्रिकेटर ऐसे हैं, जिन्हें पहले भी वनडे विश्व कप खेलने का अनुभव है। इस लिहाज से टीम इंडिया में विश्व कप का अनुभव कूट-कूटकर भरा है। विराट कोहली का तो यह चौथा विश्व कप होगा। वहीं कप्तान रोहित शर्मा, रविंद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन और मोहम्मद शमी का यह तीसरा विश्व कप है। केएल राहुल, हार्दिक पांड्या, कुलदीप यादव, जसप्रीत बुमराह अपना दूसरा विश्व कप खेलने जा रहे हैं। विराट कोहली और अश्विन के पास तो विश्व कप जीतने का भी अनुभव है। ये दोनों क्रिकेटर 2011 की विश्वविजेता भारतीय टीम के सदस्य थे। विराट के पास तो 2019 के विश्व कप में कप्तानी का भी अनुभव भी है। ऐसे में विश्व कप के बड़े मैचों का दबाव भारतीय टीम अपने अनुभव से दूर करती नजर आएगी। टीम इंडिया के छह क्रिकेटर ऐसे हैं, जिनका यह पहला वनडे विश्व कप होगा। इनमें ईशान किशन, शुभमन गिल, शार्दुल ठाकुर, मोहम्मद सिराज, सूर्यकुमार यादव और श्रेयस अय्यर शामिल हैं। विराट कोहली इस बार भी टीम इंडिया की बल्लेबाजी की धुरी का काम करेंगेे। उनका यह चौथा विश्वकप होगा और पिछले तीन विश्व कप में उनके पास एक फाइनल (2011) और दो सेमीफाइनल (2015, 2019) खेलने का अनुभव है। 2011 के फाइनल में उन्होंने 38 रन बनाकर गौतम गंभीर के साथ महत्वपूर्ण साझेदारी निभाई थी। वह टीम के इकलौते ऐस क्रिकेटर हैं, जिनके पास विश्व कप में एक हजार से ज्यादा रन बनाने का अनुभव है। हालांकि, उनका औसत 46.81 का है। वह दो शतक और छह अर्धशतक भी लगा चुके हैं। विराट 2019 के विश्व कप में भारत के कप्तान भी थे।
विश्व कप में रन-मशीन हैं रोहित
बतौर कप्तान रोहित शर्मा का यह पहला विश्व कप है। वह 2015, 2019 के विश्व कप खेल चुके हैं। यह उनका तीसरा विश्व कप होगा। 2019 का विश्वकप तो उनके लिए बेहद खास था। यहां उन्होंने पांच शतक लगाए थे। रोहित का विश्व कप में रिकॉर्ड शानदार है। वह 95.97 के स्ट्राइक रेट से 17 मैचों में 978 रन बना चुके हैं, जिसमें छह शतक शामिल हैं। 648 रन उन्होंने पिछले विश्व कप में बनाए, जिसमें लगातार तीन शतक शामिल हैं। उनका उच्चतम इसी विश्व कप में पाकिस्तान के खिलाफ बनाए गए 140 रन हैं।
जडेजा ने खेली 2019 के सेमीफाइनल में खेली न भुलाने वाली पारी
रोहित की तरह रविंद्र जडेजा भी 2011 के विश्व कप की टीम में शामिल होने के दावेदार थे, लेकिन अनुभवहीनता के चलते उन्हें टीम में नहीं लिया गया। जडेजा की 2019 के विश्व कप के सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड के खिलाफ खेली गई 77 रन की पारी न भुलाने वाली है। हालांकि, वह टीम को जिता नहीं पाए, लेकिन उनके प्रयास की काफी सराहना हुई। यह उनका तीसरा विश्व कप है। उनसे इस बार भी गेंद और बल्ले से बड़े योगदान की उम्मीद है।
ऑफ स्पिनर की कमी दूर करेंगे अश्विन
रविचंद्रन अश्विन को अंतिम क्षणों में अक्षर पटेल के चोटिल होने पर टीम में शामिल किया गया। ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हालिया वनडे सीरीज से पहले वह 2021 में अंतिम वनडे खेले थे, लेकिन टीम में ऑफ स्पिनर नहीं होने पर उन्हें टीम में वरीयता दी गई। उनके पास अनुभव की कोई कमी नहीं है। विराट के साथ वह 2011 का विश्वकप भी खेले थे। उनका विश्व कप में इकोनॉमी 4.36 है। भारतीय पिचों पर वह असरदार साबित हो सकते हैं।
शमी के पास है विश्व कप में हैट्रिक का अनुभव
मोहम्मद शमी का भी यह तीसरा विश्व कप है। उनके पास विश्व कप में हैट्रिक लगाने का भी अनुभव है। उन्होंने 2019 में अफगानिस्तान के खिलाफ यह उपलब्धि हासिल की थी। उन्होंने 2015 के विश्व कप में सात मैचों में 17 और 2019 के विश्व कप में चार मैचों में 14 विकेट लिए। वह चार बार विश्व कप के एक मैच में चार या उससे अधिक विकेट हासिल कर चुके हैं।
केएल राहुल के लिए अहम होगा विश्व कप
केएल राहुल भाग्यशाली हैं जो अपना लगातार दूसरा विश्व कप खेलने जा रहे हैं। वह विश्व कप से पहले अपनी चोट से उबरे हैं। राहुल का 2019 के विश्व कप में रिकॉर्ड शानदार है। उन्होंने इंग्लैंड में हुए विश्व कप में 319 रन बनाए थे और एक शतक लगाया था। राहुल के कंधों पर इस बार दोहरी जिम्मेदारी है। वह विकेट के पीछे दस्ताने भी संभालने जा रहे हैं। उनके आने से भारतीय टीम की बल्लेबाजी मजबूत हुई है।
हार्दिक पांड्या पर सबकी उम्मीदें टिकीं
हार्दिक पांड्या का भी यह दूसरा विश्व कप है। हालांकि, इस बार का टूर्नामेंट उनके लिए इसलिए भी खास है, क्योंकि वह टीम के उपकप्तान हैं। वह रोहित के डिप्टी के तौर पर नजर आएंगे और हो सकता है कुछ मौकों पर कप्तानी करते भी नजर आएं। उन्होंने 2019 के विश्व कप में गेंद और बल्ले दोनों से उपयोगी योगदान दिया था। हालांकि वह कोई अर्धशतक नहीं लगा पाए थे, बावजूद इसके उन्होंने 226 रन बनाए और 10 विकेट भी लिए। इस बार भी उनसे ऑलराउंड प्रदर्शन की उम्मीद है।
जसप्रीत बुमराह का भी यह दूसरा विश्व कप
जसप्रीत बुमराह का भी यह दूसरा विश्व कप है। उन्होंने 2019 के विश्व कप में जबरदस्त गेंदबाजी की थी। उन्होंने यहां न सिर्फ 18 विकेट लिए बल्कि उनकी इकोनॉमी भी 4.41 की रही। बुमराह ने भी चोट से उबरने के बाद वापसी की है।
कुलदीप यादव हो सकते हैं भारत के एक्स-फैक्टर
लगातार दूसरा विश्व कप खेलने जा रहे कुलदीप यादव टीम के मुख्य स्पिनर हैं। उन्होंने 2019 में पाकिस्तान के बाबर आजम को बेहद शानदार चाइनामैन पर आउट किया था। उन्हें यहां भी विकेट लेने वाले गेंदबाज के रूप में देखा जा रहा है।