नई दिल्ली। भारतीय क्रिकेट टीम के ऑलराउंडर हार्दिक पांड्या का आज जन्मदिन है। वह 30 साल के हो गए हैं और इस खास मौके को खास तरह से मनाया गया। अफगानिस्तान के खिलाफ दिल्ली के अरुण जेतली स्टेडियम में मैच से पहले उन्होंने मैदान में केक काटा। इस दौरान गौतम गंभीर और कमेंटेटर जतिन सप्रू उनके साथ थे। पांड्या का क्रिकेट में करियर बनाने का सफर आसान नहीं रहा और इसके लिए उन्होंने कड़ी मेहनत की। आइए उनकी जीवनी पर एक नजर डाल लेते हैं। हार्दिक के पिता हिमांशु पांड्या एक समय गुजरात के सूरत में फाइनांस का काम करते थे। लेकिन 1998 में आई मंदी के कारण उन्हें काम छोड़कर वडोदरा शिफ्ट होना पड़ा। हिमांशु क्रिकेट के बड़े फैन थे। ऐसे में उन्होंने अपने दोनों बेटों क्रुणाल और हार्दिक को क्रिकेट खेलने के लिए प्रेरित किया। घर की आर्थिक स्थिति अच्छी नहीं होने के बावजूद हिमांशु ने अपने दोनों बेटों को वडोदरा की किरण मोरे अकादमी से ट्रेनिंग दिलवाई।
हार्दिक ने ही एक इंटरव्यू में खुलासा किया था कि ज्यादातर परिवारों की तरह हमारे परिवार ने भी बुरे दिन देखे। हमने भी नाश्ते और डिनर में सिर्फ मैगी खाकर गुजारा किया। और तो और भले ही हम क्रिकेट अकादमी से ट्रेनिंग लेते थे लेकिन हमारे पास ऐसे बल्ले नहीं होते थे जिससे परफेक्ट शॉट लगा सकते हो। ऐसे में मैंने अपने साथी क्रिकेटरों से बैट उधार लेकर प्रैक्टिस करनी शुरू की। मुझे खुद पर भरोसा था जिसका फल मुझे इंडिया टीम में आकर मिला।