मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि महिलाओं के छोटे कपड़े पहनकर डांस करने को अश्लीलता नहीं कहा जा सकता जब तक इससे किसी को परेशानी न हो। कोर्ट ने नागपुर के एक रिसोर्ट में छोटे कपड़े पहनकर डांस कर रही छह महिलाओं के खिलाफ दर्ज की गई FIR रद्द कर दी। पुलिस ने इन पर अश्लीलता फैलाने की धारा में केस दर्ज किया था। कोर्ट ने कहा किजस्टिस विनय जोशी और जस्टिस वाल्मीकि मेनेजेस की बेंच ने एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि आरोपी महिला डांसर हैं। इनके छोटे कपड़े पहनने और भड़काऊ डांस करने और इशारे करने को अश्लील नहीं कहा जा सकता है। पुलिस ने FIR में इनके अश्लील कहा है।बेंच ने यह भी कहा कि आज के समय में ऐसे कपड़े पहनना आम बात हो गई है। इससे किसी को परेशानी नहीं है। हम फिल्मों में,ब्यूटी कॉन्टेस्ट्स में भी लोगों को इस तरह के कपड़े पहने लोगों को देखते हैं। इस मामले में केस तब तक नहीं बनता जब तक कि किसी को परेशानी नहीं हो। इस केस में छोटे कपड़ों से किसी को परेशानी नहीं हुई है। इसलिए इस मामले में अश्लीलता फैलाने पर लगने वाली धारा 294 लागू नहीं होती है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने 5 लोगों के खिलाफ IPC की धारा 294 के तहत दर्ज FIR को रद्द कर दिया है।कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा कि अगर यह सार्वजनिक जगह पर किया गया है, अश्लील हो या किसी को परेशानी हो रही हो तो धारा 294 लगाई जा सकती है। हालांकि पब एक सार्वजनिक स्थान है लेकिन वहां मौजूद किसी भी शख्स को उससे परेशानी नहीं हो रही थी।मुंबई पुलिस ने एक जून 2023 को नागपुर के टाइगर पैराडाइज रिसॉर्ट में रेड की थी, जहां 6 महिलाएं छोटी स्कर्ट में डांस कर रही थीं। कुछ पुरुष उन पर रुपए उड़ा रहे थे। पुलिस ने महिलाओं और पुरुषों दोनों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया था।