नई दिल्ली। महाराष्ट्र में विधायकों के अयोग्यता के मामले में सुप्रीम कोर्ट ने मंगलवार 17 अक्टूबर को विधानसभा स्पीकर राहुल नार्वेकर को अंतिम मौका देने की बात कही। शीर्ष कोर्ट ने कहा कि विरोधी धड़े (उद्धव ठाकरे) की तरफ से जो याचिकाएं दायर की गई हैं, उस पर फैसला लेने के लिए स्पीकर वास्तविक समयसीमा निर्धारित करें। अयोग्यता की याचिकाओं को जल्द निर्णय लिए जाने की जरूरत है।महाराष्ट्र में विधायक अयोग्यता मामले की चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच में सुनवाई हुई। इसमें सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि दशहरे की छुट्टियों के दौरान मैं व्यक्ति रूप से स्पीकर से एंगेज रहूंगा और रास्ता निकालने में उनकी मदद करूंगा।बेंच ने साफतौर पर कहा, ‘टाइम शेड्यूल से हम संतुष्ट नहीं हैं। सॉलिसिटर जनरल ने भरोसा दिया है कि वे दशहरे की छुट्टियों में व्यक्तिगत रूप से स्पीकर से बात करेंगे और रास्ता निकालेंगे।’ अब मामले की सुनवाई 30 अक्टूबर को होगी। महाराष्ट्र में विधायकों के अयोग्यता (डिसक्वालिफिकेशन) मामले पर सुप्रीम कोर्ट में शुक्रवार 13 अक्टूबर को सुनवाई हुई। कोर्ट ने इस मामले में लगातार हो रही देरी पर महाराष्ट्र स्पीकर पर नाराजगी जताई थी। कोर्ट ने कहा कि कोई उन्हें (स्पीकर राहुल नार्वेकर) समझाए कि वे हमारे आदेश का उल्लंघन नहीं कर पाएंगे। कोई भी कार्यवाही महज दिखावा नहीं हो सकती।
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