नागपुर। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने मंगलवार को कहा कि मणिपुर में हुई जातीय हिंसा प्रायोजित थी। उन्होंने पूर्वोत्तर राज्य के हालात के लिए “बाहरी ताकतों” को कसूरवार ठहराया।भागवत ने सवाल किया, “मेइती और कुकी समुदाय के लोग कई वर्षों से साथ रहते आ रहे हैं। यह एक सीमावर्ती राज्य है। इस तरह के अलगाववाद और आंतरिक संघर्ष से किसे फायदा होता है? बाहरी ताकतों को भी फायदा मिलता है। वहां जो कुछ भी हुआ, क्या उसमें बाहर के लोग शामिल थे?” नागपुर में आरएसएस की दशहरा रैली को संबोधित करते हुए भागवत ने आरोप लगाया कि “तथाकथित सांस्कृतिक मार्क्सवादी और जागरुक तत्व” देश की शिक्षा एवं संस्कृति को बरबाद करने के लिए मीडिया तथा शिक्षा जगत में अपने प्रभाव का दुरुपयोग कर रहे हैं। उन्होंने सवाल किया, “मणिपुर में अशांति और अस्थिरता का फायदा उठाने में किन विदेशी ताकतों की दिलचस्पी हो सकती है? क्या इन घटनाक्रमों में दक्षिण-पूर्व एशिया की भूराजनीति की भी कोई भूमिका है?” उन्होंने लोगों को 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले भावनाएं भड़काकर वोट हासिल करने की कोशिशों के प्रति आगाह किया। उन्होंने हिंसा भड़काने और समुदायों के बीच अविश्वास एवं नफरत पैदा करने वाले “टूलकिट” का जिक्र किया।भागवत ने लोगों से देश की एकता, अखंडता, पहचान और विकास को ध्यान में रखते हुए मतदान करने का आह्वान किया।