चंद्रयान को चांद पर पहुंचे 2 महीने हो गए, अयोध्या में भगवान राम कुछ महीनों में विराजेंगे
नई दिल्ली(वी.एन.झा)। बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक पर्व विजयादशमी पर आज देशभर में रावण दहन किया गया। दिल्ली के द्वारका सेक्टर 10 स्थित रामलीला मैदान में रावण, मेघनाद और कुंभकर्ण के पुतले दहन किए गए। यहां पीएम मोदी चीफ गेस्ट के रूप में शामिल हुए। उन्होंने रावण दहन से पहले भगवान राम, सीता और लक्ष्मण के स्वरूपों की आरती की।इस दौरान पीएम मोदी ने अयोध्या में बन रहे राम मंदिर का भी जिक्र किया। पीएम ने कहा किये अत्याचारी रावण पर भगवान राम की विजय का पर्व है। इसलिए हम हर साल रावण दहन करते है। ये पर्व हमारे लिए संकल्पों का पर्व है, उन्हें दोहराने का पर्व है। इस बार हम विजयादशमी तब मना रहे हैं, जब चंद्रमा पर चंद्रयान को गए दो महीने पूरे हो गए हैं। अगली रामनवमी पर अयोध्या के रामलला के मंदिर में पूजा पूरे विश्व को हर्षित करने वाली है। भगवान राम की जन्मभूमि पर बन रहा भव्य मंदिर, दिव्य मंदिर सदियों की प्रतीक्षा के बाद भारतीयों की मिली विजय का प्रतीक है। राम मंदिर में भगवान राम के विराजने में कुछ ही महीने बचे हैं।हमने कुछ हफ्ते पहले ही संसद की नई इमारत में प्रवेश किया है। नारी शक्ति को मान देने के लिए संसद ने नारी शक्ति वंदन अधिनियम पास किया। दुनिया भारत को मदर ऑफ डेमोक्रेसी के रूप में देख रही है। हमें भगवान राम के विचारों का भारत बनाना है।हमें ध्यान रखना है कि आज रावण का दहन बस एक पुतले का दहन न हो, यह दहन हर उस विकृति का हो, जिसके कारण समाज का सौहार्द्र बिगड़ता है। उन शक्तियों का जो मां भारती को बांटने का काम करते हैं। उस विकास का जिसमें भारत का विकास नहीं, उनके विकास का हित छिपा है। राष्ट्र की हर बुराई पर राष्ट्रभक्ति का पर्व मनाना चाहिए। पीएम मोदी ने विपक्षी दलों की ओर इशारा करते हुए कहा कि ये लोग समाज को बांटने की कोशिश कर रहे हैं। पीएम मोदी ने कहा, ‘भारत को पहले से ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है। ये ध्यान रखना है कि रावण का ये दहन सिर्फ पुतले का ही दहन नहीं हो, ये दहन हर उस विकृति का हो जिसके कारण समाज का आपसी सौहार्द बिगड़ता है। ये दहन हो जो जातिवाद और क्षेत्रवाद के नाम पर मां भारती को बांटने का प्रयास करते हैं। ये दहन हो उस विचार का जिसमें विकास की जगह, स्वार्थ निहित है।
अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा शुरू
हिमाचल प्रदेश में अंतरराष्ट्रीय कुल्लू दशहरा उत्सव का मंगलवार को आगाज हो गया। सुबह से ही ढालपुर में देवताओं के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। वहीं, बड़ी संख्या में देवता भगवान रघुनाथ के दरबार में हाजिरी लगाने के लिए पहुंचे। ढोल-नगाड़ों की मधुर ध्वनियों से पूरी घाटी गूंज उठी और देव धुनों से माहौल भक्तिमय हो गया है। हालांकि, उत्सव का आधिकारिक शुभारंभ मंगलवार शाम में भगवान रघुनाथ की रथयात्रा से होगा। देवताओं के इस महाकुंभ में 332 देवी-देवताओं को निमंत्रण भेजा गया है। सोमवार देर शाम तक 200 से अधिक देवी-देवता कुल्लू पहुंच गए थे। मंगलवार सुबह भी देवी-देवताओं के पहुंचने का सिलसिला जारी रहा। करीब 300 देवी-देवताओं के उत्सव में शामिल होने की संभावना है।