नई दिल्ली । केंद्रीय कैबिनेट ने भारत और जापान के बीच सेमीकंडक्टर आपूर्ति शृंखला साझेदारी के बारे में हुए सहयोग समझौते (एमओसी) को मंजूरी दे दी। यह समझौता जुलाई में केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय और जापान के अर्थव्यवस्था, व्यापार और उद्योग मंत्रालय के बीच हुआ था। इस एमओसी का उद्देश्य उद्योगों और डिजिटल प्रौद्योगिकियों को बढ़ावा देने के लिए सेमीकंडक्टर के महत्व की पहचान करना और इसकी आपूर्ति शृंखला बेहतर बनाने के लिए दोनों देशों के बीच सहयोग को मजबूत करना है। कैबिनेट बैठक के बाद जारी आधिकारिक बयान में इसकी जानकारी दी गई। अमेरिका के बाद जापान क्वाड का दूसरा देश है जिसने सेमीकंडक्टर इकोसिस्टम विकसित करने के लिए भारत के साथ इस तरह का समझौता किया है।यह एमओसी दोनों पक्षों के हस्ताक्षर की तारीख से प्रभावी होगा और पांच साल की अवधि तक लागू रहेगा। दोनों देशों के बीच लचीली सेमीकंडक्टर आपूर्ति श्रृंखला को आगे बढ़ाने और पूरक लाभ उठाने के अवसरों पर जी2जी और बी2बी दोनों तरह के द्विपक्षीय सहयोग बढ़ाए जाएंगे। एमओसी से आईटी के क्षेत्र में रोजगार के अवसरों का सृजन होगा।भारत सरकार देश में इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण के लिए अनुकूल माहौल बनाने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ा रही है। देश में मजबूत और टिकाऊ सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले इकोसिस्टम के विकास के लिए कार्यक्रम की शुरुआत की गई है। इसका उद्देश्य सेमीकंडक्टर विनिर्माण और सेमीकंडक्टर असेंबली, परीक्षण, मार्किंग एंड पैकेजिंग (एटीएमपी) और आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली एंड टेस्ट (ओएसएटी) सुविधाओं के लिए फैब्स की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता बढ़ाना है। इसके अलावा, देश में सेमीकंडक्टर और डिस्प्ले विनिर्माण इकोसिस्टम के विकास के लिए भारत की रणनीतियों को संचालित करने के लिए डिजिटल इंडिया कॉरपोरेशन (डीआईसी) के तहत इंडिया सेमीकंडक्टर मिशन (आईएसएम) की स्थापना की गई है।