नई दिल्ली। केरल सरकार ने केरल उच्च न्यायालय की एर्नाकुलम पीठ के आदेश को चुनौती दी है। उच्चतम न्यायालय का दरवाजा खटखटाने वाली केरल सरकार विधेयकों को मंजूरी देने में जानबूझकर देरी के आरोप लगाए हैं। इससे पहले विधेयकों पर अनिश्चितकाल तक सहमति लंबित रखने के मामले में एक वकील की याचिका हाईकोर्ट की एर्नाकुलम पीठ ने खारिज कर दी थी। राज्यपाल की शक्तियों को चुनौती देने वाली याचिका खारिज होने के बाद अब मुख्यमंत्री पिनारई विजयन की सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की अपील की है। राज्यपाल की कथित निष्क्रियता के लिए राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में दायर रिट याचिका के बारे में एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक संविधान के अनुच्छेद 200 के तहत गवर्नर की सहमति में देरी को लेकर सरकार ने सवाल खड़े किए हैं।बता दें कि तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि और पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित के बाद, आरिफ मोहम्मद खान बिलों को मंजूरी देने में देरी का आरोप लगाते हुए शीर्ष अदालत में इसी तरह की याचिका का सामना करने वाले तीसरे राज्यपाल होंगे। केरल सरकार की याचिका के अनुसार, तीन विधेयक दो साल से अधिक समय से राज्यपाल के समक्ष लंबित हैं।