नई दिल्ली । राज्यपाल द्वारा विधेयक पास करने में देरी के खिलाफ तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की हुई है। अब इस याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। इस नोटिस में सुप्रीम कोर्ट ने अटॉर्नी जनरल और सॉलिसिटर जनरल को मामले की सुनवाई में शामिल होने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने ये भी कहा कि तमिलनाडु सरकार ने याचिका में जो मुद्दा उठाया है, वह बेहद चिंताजनक है। बता दें कि तमिलनाडु सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर राज्यपाल पर राज्य विधानसभा द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी नहीं देने का आरोप लगाया। सरकार का कहना है कि इससे राज्य में संवैधानिक गतिरोध की स्थिति पैदा हो गई है। याचिका में कहा गया है कि संवैधानिक कार्यों पर कार्रवाई ना करके राज्यपाल नागरिकों के जनादेश के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। याचिका में कहा गया कि विधानसभा में पारित 12 विधेयक राज्यपाल आरएन रवि के कार्यालय में लंबित हैं। आरोप है कि राज्यपाल रोजमर्रा की फाइलों और नियुक्तियों के आदेश पर भी सहमति नहीं दे रहे हैं। तमिलनाडु सरकार का कहना है कि भारत के संविधान ने राज्यपाल को दोहरी जिम्मेदारी दी है। राज्यपाल राज्य के संवैधानिक प्रमुख होते हैं, जो मंत्रिपरिषद की सलाह से बंधे हुए हैं। वहीं केंद्र और राज्य सरकार के बीच राज्यपाल संवैधानिक कड़ी के रूप में भी काम करते हैं लेकिन राज्यपाल ने संविधान का उल्लंघन किया है। राज्यपाल विधानसभा से पारित विधेयकों पर हस्ताक्षर नहीं कर रहे हैं।