पटना। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने नौकरी के बदले जमीन घोटाला में सी बी आई द्वारा लाभुक कर्मचारियों को पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाये जाने पर कहा है कि दर्जनों अधिकारियों और कर्मचारियों से पूछताछ में लालू प्रसाद यादव और उनके परिवार की संलिप्तता की सच्चाई देश और राज्य की जनता के सामने उजागर होगी। रेल मंत्रालय के अधिकारियों समेत सोनपुर, दानापुर डिवीजन के कर्मियों को 21नवम्बर से 25 नवंबर के बीच सी बी आई द्वारा पूछताछ के लिए दिल्ली बुलाया गया है। सिन्हा ने कहा कि 2004-09 की अवधि में रेल मंत्री रहते हुए लालूजी ने नौकरी देने के बदले लोगों से जमीन ली। इनके परिवार के लोगों और सहकर्मियों के द्वारा लाभुकों को बुलाकर उनसे नौकरी का सौदा किया जाता था और जमीन ली जाती थी।सभी जमीन ए के इंफोसिस्टम प्राइवेट लिमिटेड के नाम की जाती थी जिसे इनके परिवार के सदस्यों के नाम ट्रांसफर किया जाता था। इस कंपनी की हैसियत करोडों में थी परंतु तेजस्वी यादव द्वारा इसे मात्र 4 लाख में खरीदा गया। सिन्हा ने कहा कि हाल ही में उस कम्पनी के पुराने मालिक अमित कात्याल को प्रबर्तन निदेशालय द्वारा गिरफ्तार कर रिमांड पर लेने के बाद महत्वपूर्ण जानकारियां मिली हैं।ये व्यापारी थे और लालूजी-तेजस्वी जी के सहयोगी के रूप में कार्यरत थे। सिन्हा ने कहा कि अभी तक स्वयं अथवा इस मामले में अन्य अभियुक्त किसी ने भी अपने निर्दोष होने का सबूत नहीं दिया है। यहां तक कि तेजस्वी यादव ने अपने150 करो? के दिल्ली के बंगले के बारे में नहीं बताया है कि वे कैसे इसके मालिक बने।अब जब भ्रष्टाचार मामला और सबूत आमने सामने है तो गाल बजाकर केंद्र सरकार पर आरोप लगा रहे हैं। सिन्हा ने कहा कि इस मामले में सभी को सजा मिलना निश्चित है क्योंकि सी बी आई और ई डी द्वारा कार्रवाई में फिजिकल, डिजिटल और ओरल साक्ष्य मिले हैं। सिन्हा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने देश को गारंटी दी है कि किसी भ्रष्टाचारी को छोड़ा नहीं जायेगा। अब आई एनडीआई ए गठबंधन के सभी दागी और भ्रष्टाचारी नेता परेशान हैं।उन सभी को जेल जाने का डर सता रहा है।