नई दिल्ली
भारत में अमेरिका के राजदूत एरिक गार्सेटी का कहना है कि भारत और अमेरिका हिंद प्रशांत महासागर की सुरक्षा और उसे समावेशी रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। गार्सेटी ने कहा कि भारत और अमेरिका ने इस दिशा में अहम कदम उठाए हैं। अमेरिकी राजदूत ने ये भी कहा कि हाल ही में भारत और अमेरिका के बीच हुई टू प्लस टू मंत्री स्तरीय बैठक में यूक्रेन और पश्चिम एशिया संकट पर भी बातचीत हुई। नई दिल्ली में पत्रकारों से बात करते हुए एरिक गार्सेटी ने कहा कि मुझे लगता है कि टू प्लस टू बातचीत के बाद जारी किए गए साझा बयान से साफ है कि दोनों देश क्वाड और अन्य माध्यमों से हिंद प्रशांत महासागर क्षेत्र की सुरक्षा, समावेश और वहां नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को लागू रखने के लिए प्रतिबद्ध हैं। साथ ही मंत्रियों की बातचीत में यूक्रेन और पश्चिम एशिया में उपजे मानवीय संकट को लेकर भी बातचीत की गई। एरिक गार्सेटी ने उम्मीद जताई कि आने वाले दिनों में जल्द ही अमेरिका की निजी कंपनियां भारत की तकनीकी कंपनियों में निवेश करेंगी। दोनों सरकारों के बीच हो रही बातचीत में अंतरिक्ष, रक्षा और उत्पादन पर भी बात हो रही है। अपनी रक्षा साझेदारी को मजबूत करने के लिए दोनों देशों ने अहम कदम उठाए हैं। भारत और अमेरिका रक्षा के साथ ही औद्योगिक क्षेत्र में भी सहयोग कर रहे हैं। गार्सेटी ने कहा कि भारत और अमेरिका उभरते हुए क्षेत्रों में सहयोग कर रहे हैं। कई बार हम सिर्फ हथियारों और रक्षा सौदों पर फोकस करते हैं लेकिन सैन्य संचालन स्तर पर दोनों देश तकनीक और विज्ञान के क्षेत्र में भी सहयोग बढ़ाने पर चर्चा कर रहे हैं और ऐसी तकनीकों पर काम कर रहे हैं जो पूरे विश्व के लिए अच्छी हैं। उन्होंने आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस के क्षेत्र में भी सहयोग की बात कही। अमेरिकी राजदूत ने कहा कि भारत में मौजूद कॉन्सुलेट में स्टाफ की संख्या बढ़ाई जा रही है ताकि वीजा जारी करने की प्रक्रिया में तेजी लायी जा सके। बता दें कि बीते हफ्ते ही नई दिल्ली में भारतीय रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री एस जयशंकर की अमेरिकी समकक्षों लॉयड ऑस्टिन और एंटनी ब्लिंकन से मुलाकात हुई थी।