उत्तरकाशी। उत्तराखंड के उत्तरकाशी में निर्माणाधीन टनल के धंसने के बाद 41 मजदूर बीते 10 दिन से अंदर फंसे हुए हैं. उन्हें निकालने के लिए 24 घंटे रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया जा रहा है, लेकिन अब तक टीम को कामयाबी नहीं मिली है. अब टीम रेस्क्यू की नई 5 पॉइंट प्लान पर काम कर रही है. इसके तहत सिलक्यारा और डंडालगांव में वर्टिकल ड्रिलिंग के साथ ही हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग की जाएगी. वहीं, परिवहन मंत्रालय के सचिव अनुराग जैन ने कहा, “अगर अमेरिकन ऑगर ने अच्छा काम किया और ये सफल रहा, तो मजदूरों को निकालने में दो से तीन दिन का वक्त लग सकता है.” राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के सदस्य लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन ने इसकी जानकारी दी. उन्होंने बताया कि उत्तरकाशी के टनल में फंसे मजदूरों को बाहर निकालने के लिए हॉरिजॉन्टल ड्रिलिंग पर फोकस है, जो एक शॉफ्ट बनाएगी. अमेरिकन ऑगर के जरिए खुदाई का काम शुरू कर दिया गया है. लेफ्टिनेंट जनरल सैयद अता हसनैन ने बताया, “बाकी अलग-अलग दिशाओं से एयरफोर्स और रेलवे के जरिए भी मदद ली जा रही है. अब ऊपर से भी ड्रिलिंग करने की कोशिश की जा रही है. इसके लिए BRO ने ट्रैक बना दिया है. बरौत की तरफ यानी पीछे की तरफ से भी हॉरिजॉन्टल खुदाई की कोशिश की जा रही है. यहां ब्लास्टिंग की जा रही है. भूगर्भ वैज्ञानिक यानी जियोलॉजिस्ट इसका आंकलन कर रहे हैं।
मजदूरों को बोतलों में भेजा गया गर्म खाना
इससे पहले अंदर फंसे मजदूरों को मंगलवार सुबह 24 बोतलों में गर्म खिचड़ी और दाल और दोपहर सेब और संतरे भेजे गए. मंगलवार को कैमरे पर अंदर फंसे मजदूरों से बात हुई, उनकी गिनती की गई. सभी मजदूर सुरक्षित हैं. मजदूरों की हर एक्टिविटी का पता लगाने के लिए अब दिल्ली से हाईटेक CCTV मंगाए जा रहे हैं. अधिकारी ने आगे बताया, “6 इंच की एक और पाइप लाइन पहुंचा दी गई है. खाना और कम्युनिकेशन की चीजें भी पहुंचाने की कोशिश की जा रही है।