नई दिल्ली। सेम सेक्स मैरिज को कानूनी मान्यता देने के मामले में सुप्रीम कोर्ट अपने फैसले खिलाफ सुनवाई के लिए सहमत हो गया है। सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि मामले की सुनवाई 28 नवंबर से की जाएगी।याचिककर्ता अमेरिका में एक लॉ फर्म में काम करने वाले एडवोकेट उदित सूद हैं। उनके वकील मुकुल रोहतगी ने मांग की है कि मामले की सुनवाई खुली अदालत में की जाए। इस पर सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि म इस पर गौर करेंगे और फैसला करेंगे।दरअसल, 17 अक्टूबर को सेम सेक्स मैरिज को कानूनी मान्यता देने से इनकार कर दिया था। यह फैसला 2018 के ऐतिहासिक फैसले के 5 साल बाद आया। 2018 में सुप्रीम कोर्ट ने समलैंगिक यौन संबंधों पर प्रतिबंध को हटा दिया था।याचिकाकर्ता के वकील मुकुल रोहतगी ने कहा कि सभी जज इस बात से सहमत हैं कि भेदभाव हो रहा है। अगर भेदभाव है तो इसका उपाय होना चाहिए। इस मामले में बड़ी संख्या में लोगों का जीवन निर्भर करता है।
उन्होंने आगे कहा कि हम खुली अदालत में सुनवाई की मांग कर रहे हैं। दरअसल, पुनर्विचार याचिकाओं पर आमतौर पर सुप्रीम कोर्ट चैंबर में सुनवाई करता है और वकीलों की तरफ से कोई मौखिक तर्क नहीं दिया जाता है। हालांकि, असाधारण मामलों में और मौत की सजा से जुड़े मामलों को खुली अदालत में सुना जाता है।17 अक्टूबर को 5 जजों की संविधान पीठ ने कहा था कि कोर्ट स्पेशल मैरिज एक्ट में बदलाव नहीं कर सकता। कोर्ट सिर्फ कानून की व्याख्या कर उसे लागू करा सकता है। चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने कहा कि स्पेशल मैरिज एक्ट के प्रावधानों में बदलाव की जरूरत है या नहीं, यह तय करना संसद का काम है।