नई दिल्ली। प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉड्रिंग एक्ट के तहत प्रवर्तन निदेशालय की शक्तियों के खिलाफ याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान नया पेंच आया. दो दिन की सुनवाई के बाद मामले की फिलहाल सुनवाई टली. मामले को नई बेंच के पास भेजा जाएगा. जस्टिस संजय किशन कौल बेंच में नहीं रहेंगे क्योंकि उनका 16 दिसंबर को आखिरी कार्यदिवस है. सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र को इस मामले में संशोधित प्रार्थना पर जवाब दाखिल करने की इजाजत दे दी है. उक्त याचिकाओं पर अब आठ हफ्ते के बाद सुनवाई होगी. मामले को नई पीठ के गठन के लिए CJI के पास भेजा गया है. पीएमएलए और प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारों के प्रावधानों में बदलाव को लेकर दाखिल याचिकाओं पर नया मोड़ आ गया है. अब सुप्रीम कोर्ट में नई पीठ सुनवाई करेगी. इस मुद्दे पर जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना और जस्टिस बेला माधुर्य त्रिवेदी की पीठ ने दो दिन सुनवाई की. पीठ ने केंद्र सरकार को जवाब दाखिल करने ये लिए चार हफ्ते की मोहलत दी है. उस जवाब पर प्रतिउत्तर के लिए याचिकाकर्ता को भी चार हफ्ते दिए गए हैं. लेकिन इसी बीच अगले महीने पीठ के प्रमुख जज जस्टिस संजय किशन कौल 25 दिसंबर को रिटायर होने वाले हैं. आखिरी कार्य दिवस 15 दिसंबर शुक्रवार को होगा. इसके बाद क्रिसमस की छुट्टियां हो जाएंगी. गौरतलब है कि बुधवार को ही सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा कदम उठाते हुए कहा था कि वह प्रवर्तन निदेशालय (ED) की शक्तियों की समीक्षा जारी रखेगा. सुप्रीम कोर्ट ने फिर केंद्र की मांग ठुकरा दी थी. ED की गिरफ्तारी, तलाशी , जब्ती, कुर्की और इकबालिया बयानों को सबूत मानने के प्रावधानों की समीक्षा जारी रहेगी।