गजब का एक्सपीरियंस था, देश की स्वदेशी क्षमताओं पर भरोसा और बढ़ा
बेंगलुरु। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बेंगलुरु में शनिवार 25 नवंबर को तेजस फाइटर प्लेन में उड़ान भरी। पीएम ने कहा- तेजस में सफलतापूर्वक सॉर्टी की। ये गजब का अनुभव रहा। इस उड़ान से मेरे अंदर देश की स्वदेशी क्षमताओं पर भरोसा और बढ़ गया है।पीएम ने ये भी लिखा- मैं आज तेजस में उड़ान भरते हुए अत्यंत गर्व के साथ कह सकता हूं कि हमारी मेहनत और लगन के कारण हम आत्मनिर्भरता के क्षेत्र में विश्व में किसी से कम नहीं हैं। भारतीय वायुसेना, DRDO और HAL के साथ ही समस्त भारतवासियों को हार्दिक शुभकामनाएं।तेजस में उड़ान भरने से पहले मोदी बेंगलुरु स्थित हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड भी पहुंचे थे। तेजस को HAL ने डेवलप किया है। यह सिंगल इंजन वाला हल्का लड़ाकू विमान है। वायुसेना में इसकी दो स्क्वॉ़ड्रन शामिल हो चुकी हैं।
40-50 साल पुराना है BRS और कांग्रेस का रिश्ता:मोदी
तेलंगाना में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर राजनीतिक दलों ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। चुनाव प्रचार भी अपने अंतिम दौर पर है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शनिवार को कांग्रेस और भारत राष्ट्र समिति पर जमकर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि वो काशी से सांसद हैं, जिसे शिव और गंगा की नगरी कहा जाता है। महेश्वरम की पुण्यभूमि पर आकर मुझे बेहद खुशी हो रही है। आप सभी ने इतनी बड़ी संख्या में यहां आकर राजनीति के ज्ञानियों को स्पष्ट संदेश दे दिया है कि तेलंगाना में भाजपा के लिए विश्वास लगातार बढ़ रहा है। तेलंगाना भाजपा को मौका देने के लिए यहां की जनता-जनार्दन तत्पर दिख रही है। प्रधानमंत्री मोदी ने मतदाताओं को कांग्रेस और बीआरएस से सतर्क रहने की नसीहत दी। उन्होंने कहा कि बीआरएस और कांग्रेस एक-दूसरे पर आरोप लगाते हैं, लेकिन दोनों भीतर-भीतर मिले हुए हैं। इतिहास खोलकर देखेंगे तो पता चलेगा कि इनका रिश्ता 40-50 साल पुराना है। केसीआर ने कांग्रेस से अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की। 2004 में कांग्रेस ने केसीआर को कैबिनेट मिनिस्टर बनाया था। जब तेलंगाना बना तब केसीआर किस पार्टी के पास गए थे? उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव में द्रौपदी मुर्मु जी के खिलाफ बीआरएस ने कांग्रेस का समर्थन किया। उपराष्ट्रपति के चुनाव में भी बीआरएस ने कांग्रेस का साथ दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमारी सरकार के खिलाफ कुछ समय पहले संसद में आए अविश्वास प्रस्ताव पर बीआरएस ने कांग्रेस का साथ दिया। बीआरएस का असली दोस्ती कांग्रेस से है।