नासिक में बन रही तीसरी प्रोडक्शन लाइन; इससे एक साल में 24 मार्क-1A तैयार हो सकेंगे
बेंगलुरु। पिछले दिनों पीएम मोदी ने बेंगलुरु में हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड का दौरा किया था। साथ ही तेजस में करीब 45 मिनट की उड़ान भी भरी थी। अब एचएएल के चेयरमैन सीबी अनंतकृष्णन ने पीएम की विजिट के बाद एचएएल में चल रहे डेवलपमेंट वर्क की जानकारी शेयर की है।अनंतकृष्णन ने कहा कि नासिक में तीसरी प्रोडक्शन लाइन बनाई जा रही है। इसके तैयार होने से एक साल में 24 तेजस लाइट काॅम्बैट एयरक्राफ्ट बनने शुरू हो जाएंगे। अभी दो लाइन कुल 16 तेजस विमानों का प्रोडक्शन कर रही हैं। नासिक प्रोडक्शन लाइन के बनने से हर लाइन में 8 जेट्स बनने लगेंगे। एचएएल चेयरमैन ने कहा- फरवरी 2024 से तेजस की डिलीवरी शुरू होनी है। अगर सबकुछ ठीक रहा तो 2025-26 से शुरू होकर सेना को सभी 83 एलसीए तेजस मार्क-1A जेट्स का ऑर्डर तय समय से एक साल पहले डिलीवर कर दिया जाएगा।तेजस को एचएएल ने डेवलप किया है। यह सिंगल इंजन वाला हल्का लड़ाकू विमान है। विमान का पहला संस्करण 2016 में वायुसेना शामिल हुआ था। वर्तमान में दो स्क्वाड्रन 45 और 18 तेजस के साथ पूरी तरह ऑपरेशनल हैं।अनंतकृष्ण ने बताया कि सिक्स्थ जनरेशन के कॉन्सेप्ट और कैपेबिलिटीज पर तस्वीर ज्यादा साफ नहीं है। यह अभी डेवलपिंग मोड में है। एक बार जब हमें कॉन्सेप्ट क्लियर हो जाएंगे तो हम प्राइवेट इंडस्ट्रीज के साथ कैसे जुड़ना है, इस पर फैसला लेंगे।चेयरमैन ने कहा कि तेजस के दोनों वर्जन एलसीए मार्क 1ए और मार्क II के मामले में प्राइवेट इंडस्ट्रीज को बड़े पैमाने पर शामिल करने की योजना बना रहे हैं।
एलसीए मार्क 1A के लिए प्राइवेट इंडस्ट्री की मदद से स्वदेशी सामग्री को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं। फिलहाल यह 55% है। इसे 70% तक बढ़ाया जाना है।चेयरमैन अनंतकृष्णन ने बताया कि हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड को भारतीय वायुसेना के लिए GE F414 जेट इंजन के महत्वाकांक्षी को-प्रोडक्शन के लिए टेक्नोलॉजी को अपनाने में संभवतः तीन साल का समय लग सकता है। गौरतलब है कि जून 2023 में पीएम मोदी ने अमेरिका यात्रा के दौरान GE एयरोस्पेस और एचएएल ने भारतीय वायुसेना के लिए लड़ाकू जेट इंजन बनाने एक MoU साइन किया था।