नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट केरल सरकार की उस याचिका पर विचार कर रहा है, जिसमें राजभवन पर विधेयकों को मंजूरी देने में अत्यधिक देरी का आरोप लगाया गया है। सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान को फटकार लगाई और कहा कि पंजाब के मामले में पहले ही बताया जा चुका है कि राज्यपाल की शक्ति का इस्तेमाल विधायिका के कानून बनाने की प्रक्रिया को रोकने के लिए नहीं किया जा सकता। सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने इस बात पर गौर किया कि कार्यवाहियों के बाद राज्यपाल खान ने आठ विधेयकों पर निर्णय लिया है। साथ ही अदालत ने उन्हें विधेयकों पर चर्चा करने के लिए संबंधित मंत्री के साथ मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन से मिलने के लिए कहा है। प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्यपाल के कार्यालय की ओर से पेश अटॉर्नी जनरल आर वेंकटरमणी की इस दलील पर गौर किया कि आठ विधेयकों में से सात को राष्ट्रपति के विचार के लिए सुरक्षित” रखा गया है जबकि एक को खान ने मंजूरी दे दी है।