नई दिल्ली। खेलों में समावेशिता और प्रगति के प्रति प्रतिबद्धता के एक शानदार प्रदर्शन के रूप में खेलो इंडिया के सहयोग से नेशनल सेंटर फॉर स्पोर्ट्स साइंस एंड रिसर्च (एनसीएसएसआर) द्वारा दो दिन का ‘स्पोर्ट्स साइंस कॉन्क्लेव’ आयोजित हुआ। यह खेलो इंडिया पैरा गेम्स की सफलता से जुड़ी चर्चाओं को बढ़ावा देने और रणनीति तैयार करने के एक महत्वपूर्ण मंच के रूप में उभरा। इस महत्वपूर्ण पहल में सबसे अग्रणी केंद्रीय युवा कार्यक्रम और खेल मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर हैं। इंदिरा गांधी स्टेडियम में स्पोर्ट्स साइंस कॉन्क्लेव का पहला दिन भारत के विकसित होते खेल परिदृश्य का साक्षी रहा, जिसमें पारंपरिक सीमाओं के परे जाते हुए दिव्यांग एथलीटों के लिए खेल आयोजनों पर ध्यान केंद्रित किया गया।ठाकुर ने पैरा एथलीटों के लिए समावेशिता और समान अवसरों की वकालत की है। उन्होंने कहा, एनसीएसएसआर को ऐसे महत्वपूर्ण सम्मेलनों का आयोजन करते देखना वास्तव में उत्साहजनक है, जहां हितधारक इकट्ठा होते हैं और सक्षम तथा पैरा एथलीट, दोनों की आगे की राह को आकार देते हैं। इसमें एक समावेशी दृष्टिकोण रहता है, जिसमें सभी एथलीटों को समान सुविधाएं और सम्मान दिया जाता है, जो किसी भी कथित अंतर को धुंधला करता है।ठाकुर ने कहा, “इस कॉन्क्लेव की ‘लिमिटलेस होराइजन्स’ की थीम ‘हौसलों की उड़ान’ की उभरती भावना के साथ गहराई से मेल खाती है। यह दिव्यांगों और पैरा एथलीटों के लिए खेल विज्ञान को पहचानने और उस पर विचार-विमर्श करने वाला एक समर्पित मंच है, जो भारत को खेल क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए तैयार है।”“खेलो इंडिया यूथ गेम्स और खेलो इंडिया यूनिवर्सिटी गेम्स के साथ खेलो इंडिया पैरा गेम्स का मेल माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के दूरदर्शी विजन को दर्शाता है और खेलों में समावेशिता और समानता के प्रति उनकी प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है।”“इसके अलावा, मुझे यह बताते हुए खुशी हो रही है कि टारगेट ओलंपिक पोडियम स्कीम (टॉप्स) के तहत, 49 पैरा एथलीटों को रहने, भोजन और प्रशिक्षण सहित व्यापक समर्थन मिलता है, जो भारत सरकार द्वारा वहन किया जाता है।