- पूर्व सेना प्रमुख की किताब में दावा
नई दिल्ली
पूर्व सेना प्रमुख जनरल एमएम नरवणे की एक किताब पब्लिश हुई है, जिसमें उन्होंने अग्निपथ योजना को लेकर बड़ा दावा किया है। इसमें उन्होंने लिखा है कि सरकार की अग्निपथ योजना के ऐलान ने तीनों सेनाओं (आर्मी, नेवी और एयरफोर्स) को चौंका दिया था।इस दावे को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर निशाना साधा है। कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने मंगलवार (19 दिसंबर) को नरवणे के दावे के बाद कहा- अग्निपथ योजना बिना किसी के विचार विमर्श के लाई गई। जनरल मनोज मुकुंद नरवणे 31 दिसंबर 2019 से 30 अप्रैल 2022 तक सेना प्रमुख के रूप में कार्यरत थे। उन्होंने अपनी किताब ‘फोर स्टार्स ऑफ डेस्टिनी’ में लिखा कि उन्होंने 2020 में PM मोदी को ‘टूर ऑफ ड्यूटी’ स्कीम का प्रस्ताव दिया था। इसमें अग्निवीरों की तरह ही जवानों को कुछ समय के लिए भर्ती करने का सुझाव दिया था, जो सिर्फ इंडियन आर्मी के लिए मान्य था।नरवणे ने लिखा- कुछ समय बाद प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) अग्निपथ योजना लेकर आया। इसमें थल सेना के साथ-साथ वायु सेना और नौसेना को भी शामिल किया गया। इस योजना ने आर्मी से ज्यादा वायु सेना और नौसेना को चौंकाया।नरवणे ने किताब में लिखा कि अग्निपथ योजना को लेकर बाद में कई बार चर्चा हुई। इसमें सेना ने 75% जवानों को सेवा में बनाए रखने और 25% को सेना से मुक्त करने की बात कही थी। लेकिन जब जून 2022 में सेना की अग्निपथ योजना शुरू हुई तो सिर्फ 25% अग्नीवीर को ही कार्यकाल के बाद 15 साल तक सेवा में रखने का फैसला लिया गया। नरवणे ने अपनी किताब में लिखा कि अग्नीवीरों का वेतन 20,000 रुपए प्रति माह फाइनल किया गया था। लेकिन फिर सेना इनके वेतन में वृद्धि की सिफारिश की थी। सेना का मानना था कि अग्नीवीर देश के लिए अपनी जान भी देने को तैयार थे। सेना की सिफारिशों के बाद वेतन बढ़ाकर 30,000 रुपए किया गया।कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर कहा- अग्निपथ योजना बिना किसी विचार-विमर्श के लाई गई विनाशकारी नीति थी। नरवणे ने अपनी किताब में इस बात को कन्फर्म किया है। संसद के 141 निलंबित सांसदों की खबरों के बीच ये खबर भी उतनी ही महत्वपूर्ण है।