नयी दिल्ली । नेपाल के राजदूत डॉ. शंकर प्रसाद शर्मा ने रामायण सर्किट के विकास की पहल के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को धन्यवाद देते हुए कहा कि इससे दोनों देशों के बीच सांस्कृतिक संबंध और मजबूत होंगे। नेपाली राजदूत ने मंगलवार को नेपाल दूतावास के साथ इनक्रेडिबल चैंबर ऑफ इंडिया द्वारा भारत नेपाल सांस्कृतिक संबंधों के पहले संस्करण के रूप में आयोजित रामायण सर्किट पर एक संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि दोनों देश सदियों से एक दूसरे के लिए आध्यात्मिक और सांस्कृतिक गंतव्य रहे हैं। उन्होंने कहा कि रामायण सर्किट में दोनों देशों के धार्मिक और सांस्कृतिक स्थल शामिल हैं, इससे पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा और दोनों देशों के बीच पहले से ही स्थायी संबंध और भी मजबूत होंगे। डॉ. शर्मा ने कहा कि सीता की जन्मभूमि जनकपुर और भारत के बीच बेहतर कनेक्टिविटी दोनों देशों के निवासियों के लिए एक स्वागत योग्य कदम है। उन्होंने कहा कि नेपाल का झुकाव रामायण युग के प्रति इतना था कि नेपाली कवि भानु भक्त ने वाल्मिकी रामायण का नेपाली भाषा में अनुवाद किया और यह आज नेपाल का एक लोकप्रिय ग्रंथ है। नेपाली राजदूत ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा जनकपुर के विकास की घोषणा करना स्वागत योग्य कदम है। उन्होंने कहा, ‘’नेपाल हमेशा रामायण सर्किट का समर्थन, सराहना और योगदान करेगा।’’ इस अवसर पर त्रिभुवन विश्वविद्यालय, नेपाल की व्याख्याता सुश्री मंचला झा ने कहा कि भारत और नेपाल के बीच हमेशा पारस्परिक सछ्वाव, संस्कृति और धर्म पर आधारित रहे हैं। उन्होंने कहा कि नेपाल के बिना राम कथा अधूरी है और रामायण सर्किट की परिकल्पना एक अद्वितीय विचार है। उन्होंने जुड़वां शहरों बनारस और काठमांडू, जनकपुर और अयोध्या के साथ-साथ लुंबिनी और बोधगया के विकास की अवधारणा की भी सराहना की।