स्कीम बनाई तो चंदे के सोर्स पता चले, कोई सिस्टम परफेक्ट नहीं, कमियां सुधर सकती हैं
नई दिल्ली। PM नरेंद्र मोदी पहली बार इलेक्टोरल बॉन्ड के मुद्दे पर बोले। उन्होंने कहा कि 2014 के पहले भी चुनावों में खर्चा होता था। तब कौन-सा पैसा कहां से आया और किसने खर्च किया, इसकी जानकारी नहीं मिलती थी। कोई भी सिस्टम परफेक्ट नहीं होता। कमियों को सुधारा जा सकता है।PM मोदी ने ये बातें तमिलनाडु के न्यूज चैनल थांथी टीवी को दिए एक घंटे के इंटरव्यू में कहीं। प्रधानमंत्री से पूछा गया था कि क्या इलेक्टोरल बॉन्ड का डेटा पब्लिक होने से पार्टी को झटका लगा है? रविवार (31 मार्च) को भाजपा ने यूट्यूब चैनल पर इस इंटरव्यू को जारी किया।प्रधानमंत्री ने कहा, “मोदी ने इलेक्टोरल बॉन्ड की स्कीम बनाई तो पता चल पा रहा है कि कौन-सा पैसा किसने कब और किसको दिया। जो लोग डेटा पब्लिक होने को लेकर हल्ला मचा रहे हैं, उन्हें बाद में अफसोस होगा।”PM से पूछा गया कि विपक्ष सरकार पर ED-CBI के गलत इस्तेमाल करने आरोप लगा रहा है। इस पर PM ने कहा- हमने ED की स्थापना नहीं की, न ही हमारी सरकार PMLA कानून लाई है। ED और CBI को स्वतंत्र रूप से ही काम करना होगा और कोर्ट के तराजू में उसे स्वतंत्र निकलना होगा। ED के पास फिलहाल 7 हजार केस हैं। उसमें से नेताओं से जुड़े केस 3 प्रतिशत से भी कम हैं।इस समय नोटों के ढेर पकड़े जा रहे हैं। वॉशिंग मशीन में भी नोट मिले हैं। घरों में पानी की पाइप में नोटों की गड्डियां मिली हैं। कांग्रेस के एक MP के घर से और बंगाल के मंत्रियों के घर से नोटों के ढेर मिले हैं। हमने बंगाल में करीब 3 हजार करोड़ रुपए अटैच किया है। देश की जनता ये सब चीजें सहन करने के लिए तैयार नहीं है।
भारत की बैंकिंग प्रणाली 10 वर्षों में मजबूत-टिकाऊ बनी
आरबीआई के 90वें साल में प्रवेश करने पर पीएम मोदी ने देश की बैकिंग व्यवस्था पर बड़ी टिप्पणी की है। उन्होंने कहा कि 2014 में जब मैं आरबीआई के 80 साल पूरे होने के कार्यक्रम में शामिल हुआ था, तब स्थिति बहुत अलग थी। भारत का पूरा बैंकिंग क्षेत्र समस्याओं और चुनौतियों से जूझ रहा था। हर कोई भारत की बैंकिंग प्रणाली की स्थिरता और भविष्य को लेकर संशय में था। पीएम के अनुसार स्थिति इतनी खराब थी कि सार्वजनिक क्षेत्र के बैंक देश की आर्थिक प्रगति को पर्याप्त बढ़ावा देने में सक्षम नहीं थे। और आज, भारत की बैंकिंग प्रणाली को दुनिया में एक मजबूत और टिकाऊ बैंकिंग प्रणाली के रूप में देखा जाता है।भारतीय रिजर्व बैंक के 90 साल पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित समारोह में पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारी सरकार ने मान्यता, संकल्प और पुनर्पूंजीकरण की रणनीति पर काम किया। सरकार ने सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की स्थिति में सुधार के लिए 3.5 लाख करोड़ रुपये का पूंजी निवेश किया, शासन से संबंधित सुधार किए। इन्सॉल्वेंसी एंड बैंकरप्सी कोड की नई व्यवस्था से करीब 3.25 लाख करोड़ रुपये के लोन का समाधान हुआ।