नई दिल्ली। पाकिस्तान के विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने हाल ही में कहा कि शंघाई सहयोग संगठन की बैठक के लिए उनकी यात्रा ने भारत को शिखर सम्मेलन वर्चुअल मोड में आयोजित करने के लिए मजबूर किया। भुट्टो के इस बयान पर सरकार ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। विदेश मंत्रालय ने भुट्टो की टिप्पणी को पूर्वाग्रह से ग्रस्त बताया।विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने शुक्रवार (11 अगस्त) को मीडिया को संबोधित करते हुए कहा,।। किसी के लिए भी यह सोचना धृष्टता होगी कि वर्चुअल मोड में आयोजित होने वाली एससीओ बैठक में किसी एक फैक्टर या एक व्यक्ति की भूमिका रही।ज्ज्एससीओ शिखर सम्मेलन को लेकर उन्होंने कहा, च्ज्हम एससीओ शिखर सम्मेलन को वर्चुअल मोड में आयोजित करने के कारणों पर दो या तीन बार बात कर चुके हैं। किसी के लिए भी यह सोचना निश्चित रूप से अहंकारपूर्ण होगा कि इसमें किसी एक फैक्टर या एक व्यक्ति की भूमिका रही होगी।बता दें कि भारत ने इस साल मई में गोवा में एससीओ के विदेश मंत्रियों की बैठक आयोजित की थी। उस दौरान विदेश मंत्री एस जयशंकर ने पाकिस्तान को आतंकवाद की इंडस्ट्री और बिलावल भुट्टो को उसे बढ़ावा देने वाला बताया था। विदेशमंत्री ने कहा था कि आप जानते हैं आतंकवाद के पीड़ित आतंकवाद पर चर्चा करने के लिए आतंकवाद के अपराधियों के साथ नहीं बैठते हैं।वहीं, क्रिकेट वर्ल्ड कप के लिए भारत आने वाली पाकिस्तान क्रिकेट टीम की सुरक्षा चिंता के बारे में पूछे जाने पर अरिंदम बागची ने कहा, च्ज्एक अच्छा बड़ा मैच है, न कि युद्ध। पाकिस्तान की क्रिकेट टीम के साथ आईसीसी विश्व कप में भाग लेने वाले किसी भी अन्य देश की तरह ही व्यवहार किया जाएगा। जहां तक सुरक्षा का सवाल है तो यह सवाल हमारी सुरक्षा एजेंसियों और आयोजकों से पूछे जाने चाहिए। द्दह्वद्भड्डह्म्ड्डह्ल1ड्डद्बड्ढद्धड्ड1.ष्शद्व