पटना। बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने अमीन पद की परीक्षा में प्रश्न पत्र वायरल होने पर तंज कसते हुए कहा है कि सरकारी नौकरी हेतु परीक्षाओं में धांधली और कदाचार बिहार सरकार की पहचान बन गई है। सिन्हा ने कहा कि घमण्डी, जुल्मी, वंशवादी और जमींदारी मानसिकता की भरस्टाचारी सरकार परीक्षाओं में पेपर लीक, धांधली और कदाचार रोकने में असफल हो गई है। पिछले वर्ष बी पी एस सी की 67वीं परीक्षा में पेपर लीक में छोटे छोटे लोगों पर कार्रवाई की गई। इसमें शामिल उच्च पदस्थ लोगों का वाल बांका नहीं हुआ। एक चर्चित आई ए एस पदाधिकारी को मुक्त कर उनके गृह कैडर राज्य में वापस भेज दिया गया। सिन्हा ने कहा कि पुलिस, शिक्षक, अभियंता, डाटा ऑपरेटर सहित संबैधानिक संस्थाओं में विभिन्न पदों पर हो रही नियुक्तियों में पैसे का खेल हो रहा है। काली सूची में दर्ज प्राधिकृत एजेंसियां, दलाल और उच्च पदस्थ लोग इस कार्य में सक्रिय हैं। राज्य के युवाओं के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। मेधावी छात्रों को भी नौकरी नहीं मिल रही है।भाई भतीजावाद भी चरम पर है। सिन्हा ने कहा कि बहाली हेतु प्राधिकृत संस्थाओं का रिमोट कंट्रोल सरकार के हाथ में है।सरकार संस्थाओं को बैकडोर से सूची भेजती है। चर्चा है कि आगामी लोकसभा चुनाव के लिए फण्ड इक_ा करने का काम किया जा रहा है।
सिन्हा ने कहा कि परीक्षाओं में पेपर लीक और धांधलियों से सरकार कोई सबक नहीं ले रही है। उल्टे इन घोटालेबाजों के लिये अनुकूल परिस्थितियों को वनाया जा रहा है। सिन्हा ने सरकार से मांग की है कि सरकारी नौकरी की परीक्षाओं में व्याप्त भ्रष्टाचार, धांधली और कदाचार की जांच हाई कोर्ट के सिटिंग जज से कराई जाय ताकि इस काम में लगे छोटे वड़े अपराधी,षड्यंत्रकारी और संरक्षकों का भंड़ाफोड़ हो सके।साथ ही सरकार बिहार पुलिस और आर्थिक अपराध इकाई द्वारा पूर्व में इन धांधलियों की जांच रिपोर्ट को सार्वजनिक करे।बिहार की जनता को भी पता चलना चाहिए कि किस प्रकार सरकार के द्वारा अपराधियों को वचाने हेतु जांच रिपोर्ट की लीपापोती की जाती है।
उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव के द्वारा भाजपा पर परिवारवाद के आरोप पर सिन्हा ने कहा कि उनके मुंह से यह शोभा नहीं देता है। पिता, पुत्र और समस्त परिवार भरस्टाचार के मुकदमों का सामना कर रहे हैं।कानून के द्वारा इन्हें सजा मिलना भी अबश्यम्भावी है।फिर भी लोक लाज का परित्याग कर ये दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं। सिन्हा ने कहा कि एक वार फिर नियोजित शिक्षकों को लॉलीपॉप दिखाया जा रहा है। उन्हें राज्यकर्मी का दर्जा और नियमित शिक्षकों के समान वेतन, भत्ता और सुविधा के नाम पर मात्र आश्वाशन दिया जा रहा है।