- एलईडी बल्ब दाहिने फेफड़े में चिपक गया
- अहमदाबाद सिविल अस्पताल के बाल रोग सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने अत्ंयत जटिल सर्जरी द्वारा बालक के फेफड़े से एलईडी बल्ब निकाला
- छोटे बालकों से पिन, सुई, सिक्का जैसे पदार्थ दूर रखने की सिविल अस्पताल सुप्रीटेंडेंट डॉ. राकेश जोशी की सलाह
अहमदाबाद । बालकों के पालन पोषण में माता-पिता अथवा अभिभावक को बहुत ही सावधानी रखतने की जरूरत है। बालक को जब दांत आते हों से मामले में विशेषकर बालक जो वस्तु हाथ में आए वह मुंह में डालता होता है। अहमदाबाद सिविल अस्पताल के डॉक्टरोंके समक्ष एक चौंकाने वाला केस सामने आया है। मध्य प्रदेश के रतलाम का मात्र नौ माह का बालक खिलौने का मोबाइल खेलते-खेलते एलईडी बल्ब निगल गया। जिसके कारण श्वासोश्वास में तकलीफ बढ़ने से परिजन उसे स्थानीय डॉक्टर के पास ले गए। अचानक श्वोसोश्वास बढ़ने से एक्सरे कराया तब दाहिने फेफड़े में कोई फोरन बॉडी पड़ी होने दिखाई दी। जो मात्र सर्जरी कर ही बाहर निकली जा सकती थी। इसलिए रतलाम के डॉक्टरों ने इस बालक को बालरोग सर्जरी के विशेषज्ञ डॉक्टर के पास ले जाने को कहा। इस बालक के पिता हसरत अली का एक मित्र अहमदाबाद में रहता है। उसे जब इस घटना की जानकारी हुई तब उसने बालक को तात्कालिक उपचार हेतु अहमदबााद सिविल अस्पताल में लेकर आने को कहा। बालक के माता-पिता उसे अहमदाबाद सिविल अस्पताल लेकर आए। अहमदाबाद सिविल अस्पताल के बाल रोग सर्जरी विभाग के डॉक्टरों ने बालक का दूसरी बार एक्स-रे किया तब उसमें फेफड़े में पिन आकार की फोरन बॉडी दिखाई दी। इस फोरेन बॉडी के सही निदान के लिए बालक की ब्रोकोस्कॉपी यानि कि दूरबीन द्वारा फेफड़े की जांच की गई। श्वास नली के अन्दर फोरेन बॉडी दिखाई दी परन्तु उसे पकड़ा जा सके ऐसा न था। बहुत ही सूजन और अधिक रक्तस्राव होने से पहला प्रयत्न निष्फल रहा। चार दिन बाद दूसरा प्रयत्न किया गया था तथा दूसरे प्रयत्न में सफलता मिली। दूसरे प्रयत्न में फोरेन बॉडी एलईडी बल्ब निकला है। फोटो में देखा जा सकता है। एक खिलौने का मोबाइल जिसमें एन्टीना जैसा जो दिखाई देता हा जहां लाइट होती है। बालक ने खेलते-खेलते इस लाइट का छ़ेडा तोड़ दिया होगा तथा बाद में मुंह में डालने से यह एलईडी बल्ब उसकी श्वासनली में उतर गया। बाल रोग सर्जरी विभाग के प्रमुख अधिकारी एवं सिविल अस्पताल के सुप्रीटेंडेंट डॉ. रागेश जोशी तथा डॉ. कल्पेश की टीम द्वारा भारी मशक्कत के अन्त में सर्जरी कर एलईडी बल्ब बाहर निकाला गया। डॉक्टर भावना एवं डॉक्टर नम्रता की टीम ने एनेस्थेसिया में भूमिका अदा की। सर्जरी के बाद यह परिवार बहुत खुश होकर म.प्र. वापस गया। बालक हाल एकदम स्वस्थ है। अहमदाबाद सिविल अस्पताल के सुप्रीटेडेंट डॉ. राकेश जोशी ने छोटे बालकों से पिन, सुई, सिक्का जैसे पदार्थ दूर रखने की सलाह राज्य के प्रत्येक माता-पिता एवं अभिभावकों को दी है।