- विधानसभा चुनाव कभी भी कराने को तैयार; पहले पंचायत इलेक्शन होंगे
नई दिल्ली
जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 को खत्म करने के खिलाफ दाखिल याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को 13वें दिन की सुनवाई हुई।केंद्र सरकार की ओर सॉलिसिटर जनरल (SG) तुषार मेहता ने बताया- हम जम्मू-कश्मीर में कभी भी चुनाव करवाने के लिए तैयार हैं, लेकिन पंचायत और म्यूनिसिपल चुनाव के बाद।29 अगस्त को हुई 12वें दिन की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूछा था कि जम्मू-कश्मीर को दोबारा राज्य का दर्जा कब तक मिल पाएगा।इस पर SG मेहता ने कहा- हम इसके लिए कोई निश्चित समय सीमा नहीं बता सकते, लेकिन यह स्पष्ट है कि केंद्र शासित प्रदेश का दर्जा अस्थायी है।पिछली सुनवाई में मेहता ने सुप्रीम कोर्ट को बताया था- जम्मू-कश्मीर को अस्थायी तौर पर दो यूनियन टेरिटरी (जम्मू-कश्मीर और लद्दाख) में बांटा गया है।लद्दाख केंद्र शासित प्रदेश ही रहेगा, लेकिन जम्मू-कश्मीर को जल्द फिर से राज्य बना दिया जाएगा। वे गुरुवार को इस बारे में पॉजिटिव स्टेटमेंट देंगे।
सुप्रीम कोर्ट के नाम पर बनी फर्जी वेबसाइट
- इस URL पर पर्सनल इंफॉर्मेशन शेयर न करें
सुप्रीम कोर्ट की आधिकारिक वेबसाइट के नाम पर लोगों से धोखाधड़ी करने की कोशिश की जा रही है। कोर्ट ने एक सर्कुलर शेयर बताया है कि उसकी ऑफिशियल वेबसाइट से मिलती-जुलती एक नकली वेबसाइट बनाई गई है। इसके जरिए हैकर्स लोगों की निजी और गोपनीय जानकारी इकट्ठा कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री ने लोगों को सतर्क रहने को कहा है।रजिस्ट्री ने बताया कि ये फेक वेबसाइट http://cbins/scigv.com और https://cbins.scigv.com/offence URL पर होस्ट की जा रही है। इनमें से दूसरे URL पर क्लिक करने पर वेबसाइट खुलती है जिसके हेडर में लिखा आता है- ऑफेंस ऑफ मनी-लॉन्ड्रिंग। इस वेबसाइट पर लोगों की निजी जानकारी, इंटरनेट-बैंकिग, क्रेडिट और डेबिट कार्ड से जुड़ी जानकारी चुराई जा रही है। कोर्ट ने अपनी एडवाइजरी में कहा कि इन वेबसाइट पर जाने वाले यूजर्स को हमारी सख्त हिदायत है कि अपनी निजी और गोपनीय जानकारी शेयर न करें। इस जानकारी को अपराधी चुरा सकते हैं। इस बात को हमेशा ध्यान रखें कि सुप्रीम कोर्ट की रजिस्ट्री आपसे कभी पर्सनल, फाइनेंशियल या कोई और गोपनीय जानकारी नहीं मांगेगी।