अहमदाबाद । दाभोई, शिनोर, मालसर, वडोदरा जिले को दो जिलों, भरूच और नर्मदा से जोड़ने वाली आशा रोड पर नर्मदा नदी पर थोड़ी दूरी के लिए रु. 225 करोड़ की लागत से बनने वाले पुल का शुभारंभ 27 तारीख को छोटा उदेपुर में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री भूपेन्द्र पटेल की उपस्थिति में किया जाएगा। इस पुल के बनने से वडोदरा से नेतरंग, महाराष्ट्र के डेडियापाड की दूरी 20 किमी कम हो गई है। पूल होने का एक और बड़ा फायदा यह है कि कठिन चढ़ाई के कारण पहाड़ी इलाके में सड़क का रुख बदल जाएगा। दिलचस्प बात यह है कि मध्य प्रदेश के अमरकंटक से खंभात की खाड़ी में समुद्र से मिलने वाली मां नर्मदा की 1312 किलोमीटर लंबी धारा पर वाहनों को गुजारने के लिए अब तक 55 पुल बनाए जा चुके हैं। मालसर के पास वडोदरा सड़क एवं भवन विभाग (ग्रामीण) द्वारा निर्माणाधीन यह पूल 1312 किमी लंबी नदी पर बना 56वां पुल बन गया है। मध्य प्रदेश में नर्मदा नदी के ऊपर सर्वाधिक ताल हैं। सैटेलाइट तस्वीरों के अध्ययन से इसका अच्छा अंदाज़ा लगाया जा सकता है। स्वियर टाइप ब्रिज के बारे में जानकारी देते हुए कार्यकारी अभियंता श्री कमलेश थोरात ने बताया कि दभोई, शिनोर, मालसर और आशा की ओर राजमार्ग पर नर्मदा नदी पर पीएससी गर्डर डेक पूल का निर्माण पूरा हो चुका है। पुल के लिए 16 पिलर बनाए गए हैं। एक और दिलचस्प बात यह है कि रु. 225 करोड़ की लागत से बने इस पुल के लिए कुल 12 हजार टन विभिन्न प्रकार के लोहे का उपयोग किया जा रहा है। इतना ही नहीं पुल को बनाने में 20 हजार टन सीमेंट का इस्तेमाल हुआ है. ऐसी सामग्रियों से, रसोई सुविधाओं और 7 मंजिलों के साथ तीन बेडरूम वाले 15 से अधिक अपार्टमेंट बनाए जा सकते हैं! इससे पुल की परफॉर्मेंस को समझा जा सकता है। 3.5 किलोमीटर की लंबाई और 16 मीटर की चौड़ाई वाले इस पुल का 900 मीटर हिस्सा नदी के ऊपर से गुजरा है। शेष आशा की ओर 600 मीटर तथा मालसर की ओर 2 किमी है। पुल बनने से शिनोर तालुक से लेकर नर्मदा जिले के नांदोद और भरूच जिले के जगदिया के बीच की दूरी बीस किलोमीटर कम हो जाएगी। वडोदरा से नेतरंग, डेडियापाड़ा के अलावा महाराष्ट्र की ओर से यातायात सुगम हो जाएगा। इसके अलावा, भारी वाहनों को राजपीपला, डेडियापाड़ा घाटियों की चढ़ाई से छूट दी जाएगी। समय और ईंधन की बचत होगी।