लंदन। ब्रिटेन ने भारत सरकार के फैसलों पर असहमति जाहिर की है। कनाडा और भारत के रिश्तों में तल्खी के बीच ब्रिटेन का बयान अहम है। कनाडाई राजनयिकों को निकाले जाने के मामले में ब्रिटेन ने कहा, वे भारत के फैसले से सहमत नहीं हैं। ब्रिटेन का मानना है कि एक सिख अलगाववादी की हत्या को लेकर भारत और कनाडा के बीच गतिरोध पनपा। इसके बाद कई राजनयिकों को देश छोड़ना पड़ा। विदेश, राष्ट्रमंडल और विकास कार्यालय (एफसीडीओ) ने कहा, भारत के इस कदम से राजनयिक संबंधों पर वियना कन्वेंशन के प्रभावी कामकाज पर असर पड़ा। इससे पहले अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने कहा था कि हम उम्मीद करते हैं कि भारत राजनयिक संबंधों के लिए 1961 में बने वियना कन्वेंशन के तहत अपने दायित्वों का पालन करेगा. मिलर ने कहा था कि कनाडाई राजनयिकों के भारत से वापस जाने से हम चिंतित हैं. किसी भी मतभेद को सुलझाने के लिए राजनयिकों की जरूरत होती है. दरअसल, भारत और कनाडा में जारी राजनयिक विवाद के बीच कनाडा ने गुरुवार को भारत से अपने 41 डिप्लोमैट्स को वापस बुला लिया है. कनाडा ने आरोप लगाया कि भारत की तरफ से राजनयिकों का दर्जा रद्द करने की कथित एकतरफा धमकी के बाद 41 राजनयिकों को वापस बुलाया गया। मामला कनाडा के सिख अलगाववादी नेता हरदीप सिंह निज्जर की जून में हुई हत्या से जुड़ा है।