मकसद पूरा होने तक नहीं रुकेगी जंग अमेरिकी आदेशों पर चलते हैं यूरोपीय देश
मॉस्को। रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने साल के अंत में प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की, जहां उन्होंने पत्रकारों से युद्ध को लेकर खुलकर बातचीत की। उन्होंने कहा- यूक्रेन पश्चिमी देशों के टुकड़ों पर जी रहा है। पश्चिमी देश लगातार उसे मदद भेज रहे हैं, हथियार दे रहे हैं, लेकिन ये सप्लाई एक दिन रुक जाएगी।पश्चिमी देशों ने इस बात की पूरी कोशिश की कि रूस और यूक्रेन में कभी अच्छे रिश्ते न बन पाएं। यूक्रेन में शांति तब होगी जब हम अपने मकसद को पूरा कर लेंगे। हमारा लक्ष्य अब भी पहले जैसा ही है। दुनिया देख रही है कि रूस अपने हितों के लिए लड़ने से नहीं डरता है।पुतिन ने कहा- यूक्रेन को सेना से मुक्त करना हमारे एजेंडे में है। यूक्रेन शांति पर बात नहीं करना चाहता है इसलिए हम मिलिट्री एक्शन ले रहे हैं। उनके राजनेता लापरवाही के साथ अपने ही सैनिकों को बर्बाद कर रहे हैं। यूक्रेन खुद ही अपनी बर्बादी का रास्ता बना रहा है। हम अब तक यूक्रेन में हजारों टैंकों को तबाह कर चुके हैं। रूस शांति के लिए तैयार है, लेकिन पश्चिमी देश ऐसा बर्ताव करते हैं, जैसे उन्हें इस बारे में कुछ नहीं पता। यूरोपीय देश अपनी संप्रभुता खो चुके हैं। वो अमेरिका से ऑर्डर लेते हैं। इसके बावजूद हम अब भी अमेरिका से बात करने के लिए तैयार हैं। हमारा मानना है कि अमेरिका दुनिया के लिए जरूरी है।पुतिन ने कहा- हमने यूरोपियन यूनियन के साथ कभी भी रिश्ते खराब नहीं किए। वो हमेशा हमें पीछे धकेलते रहते हैं। हम दशकों से यूक्रेन के साथ भी अच्छे रिश्ते बनाने की कोशिश कर रहे थे।यूक्रेन जंग की शुरुआत तभी हो गई थी, जब 2014 में पश्चिमी देशों ने मिलकर यूक्रेन में तख्तापलट किया और तत्कालीन राष्ट्रपति विक्टर यानूकोविच की सरकार हटा दी गई। यूक्रेन में सिविल वॉर चल रहा है। उनका साउथ-ईस्ट भाग हमेशा से रूस के साथ रहा है।उन्होंने कहा- यूक्रेन का काउंटर ऑफेंसिव फेल हो चुका है। वो खुद ही अपने सैनिकों को मिटाने में लगा हुआ है। जंग वन-वे टिकट होता है। यूक्रेन पूरी दुनिया से पैसे मांग रहा है, लेकिन वो मैदान में लगातार हार रहा है। रूस की सेना में शामिल होने के लिए अब तक 4.86 लाख लोगों ने अपना नाम लिखवाया है। सभी मोर्चों पर हमारे सैनिक आगे बढ़ रहे हैं। रूस डोनेट्स्क, लुहान्स्क, खेरसॉन और जपोरीजिया जैसे यूक्रेनी क्षेत्रों में एकीकरण और विकास पर हर साल करीब 92.68 हजार करोड़ रुपए खर्च करने की योजना बना रहा है।पुतिन ने इजराइल-हमास जंग पर किए गए सवाल का भी जवाब दिया। उन्होंने कहा- तुर्किये के राष्ट्रपति गाजा में शांति स्थापित करने की पूरी कोशिश कर रहे हैं। गाजा और यूक्रेन जंग में कोई समानता नहीं है। गाजा के मामले में UN में कई बार समाधान पर बात हुई, लेकिन कुछ देश इसे लागू नहीं होने दे रहे हैं। मिडिल ईस्ट में समस्या को सुलझाने के लिए टू-स्टेट सॉल्यूशन ही इकलौता रास्ता है। रूस का संप्रभुता के बिना कोई अस्तित्व नहीं है। रूस अपनी अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने के काबिल है। हमारे आर्थिक विकास से कई लोग सकते में हैं। हम इस साल के अंत तक देश की GDP में 3.5% की ग्रोथ की उम्मीद कर रहे हैं।